बिहार चुनाव : कांग्रेस काट सकती है कुछ विधायकों की टिकट, कन्हैया कुमार चुनाव लड़ने को तैयार नहीं

कांग्रेस उम्मीदवारों को लेकर अंतिम तस्वीर साफ होने में समय लगेगा लेकिन बड़ी खबर यह मिली है कि स्क्रीनिंग कमिटी के सामने कन्हैया कुमार ने चुनाव लड़ने को लेकर रुचि नहीं दिखाई. सूत्रों के मुताबिक कन्हैया कुमार की नजर बेगूसराय की जिस मटिहानी सीट पर है वहां से पिछली बार सीपीएम ने चुनाव लड़ा था.

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  • कांग्रेस ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए टिकट वितरण के प्रारंभिक चयन में करीब चौदह घंटे तक मंथन किया है
  • पार्टी के तीन से चार विधायकों की टिकट कटने की संभावना है, जिनकी रिपोर्ट स्क्रीनिंग कमिटी को अच्छी नहीं लगी है
  • कन्हैया कुमार ने चुनाव लड़ने की रुचि नहीं दिखाई, जबकि कांग्रेस बेगूसराय की बछवाड़ा सीट सीपीआई से मांग रही है
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पटना:

बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अपने मौजूदा 17 में से कुछ विधायकों का टिकट काट सकती है. उम्मीदवारों के चयन को लेकर दिल्ली में कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमिटी ने दो दिनों में करीब चौदह घंटों तक मंथन कर शुरुआती होमवर्क कर लिया है. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के कुछ विधायकों की रिपोर्ट अच्छी नहीं है और ऐसे तीन–चार विधायकों की टिकट कटने के आसार हैं. पिछली बार कांग्रेस ने 19 सीटें जीती थीं लेकिन दो विधायक पार्टी छोड़ चुके हैं. 

कांग्रेस उम्मीदवारों को लेकर अंतिम तस्वीर साफ होने में समय लगेगा लेकिन बड़ी खबर यह मिली है कि स्क्रीनिंग कमिटी के सामने कन्हैया कुमार ने चुनाव लड़ने को लेकर रुचि नहीं दिखाई. सूत्रों के मुताबिक कन्हैया कुमार की नजर बेगूसराय की जिस मटिहानी सीट पर है वहां से पिछली बार सीपीएम ने चुनाव लड़ा था. कांग्रेस बेगूसराय की बछवाड़ा सीट इस बार अपने युवा नेता और यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गरीब दास के लिए सीपीआई से मांग रही है. 

सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमिटी ने करीब 90 सीटों पर उम्मीदवारों को लेकर मंथन किया है. इनमें पिछली बार की 70 सीटों के साथ ही करीब बीस ऐसी सीटें भी हैं जिन्हें कांग्रेस अपने लिए मजबूत मान रही है. इन सीटों पर संभावित उम्मीदवारों की छंटनी का पहला चरण पूरा हो चुका है. इंडिया गठबंधन में सीट बंटवारे के बाद कांग्रेस को जितनी भी सीटें मिलेंगी वो इन्हीं में से होंगी. स्क्रीनिंग का पहला चरण पूरा होने से पार्टी को सीट बंटवारे की फाइनल बातचीत में भी मदद मिलेगी. कांग्रेस सूत्रों का मानना है कि पार्टी को करीब 55 सीटें मिल सकती हैं. करीब दस ऐसी सीटें हैं जिन पर कांग्रेस का आरजेडी और वाम दलों के बीच पेंच फंसा हुआ है. ऐसी ही एक सीट आरा है जहां से पिछली बार सीपीआई एमएल लड़ी थी. लेकिन इस सीट पर कांग्रेस की नजर है. 

अजय माकन की अगुवाई में स्क्रीनिंग कमिटी की पहली बैठक शुक्रवार को करीब ग्यारह घंटे तक चली. शनिवार को भी करीब तीन घंटे बची हुई सीटों पर चर्चा हुई. पहले दिन स्क्रीनिंग कमिटी ने बिहार से कांग्रेस के सभी सांसदों के साथ पप्पू यादव और कन्हैया कुमार से विस्तृत चर्चा की. हालांकि, कटिहार से सांसद तारिक अनवर इसमें शामिल नहीं हुए. माना जा रहा है कि तारिक अनवर अपनी नाराजगी के जरिए पार्टी पर कुछ सीटों को लेकर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं. 

सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस उम्मीदवारों के चुनाव में युवाओं और सामाजिक समीकरण का ध्यान रखा जाएगा जिसमें खास तौर पर अति पिछड़ी जातियों और दलितों को प्रमुखता दी जाएगी. पार्टी ने कई स्तर पर सर्वे करवाया है. सर्वे के साथ–साथ एनडीए के संभावित उम्मीदवारों को टक्कर देने के लिए समीकरण साधा जाएगा. 

स्क्रीनिंग कमिटी की अगली बैठक चौबीस सितंबर को हो सकती है. वरिष्ठ नेता अजय माकन की अध्यक्षता में बनी इस कमिटी में सांसद इमरान प्रतापगढ़ी, परिणीति शिंदे और पार्टी के राष्ट्रीय सचिव कुणाल चौधरी सदस्य हैं. बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष, विधायक दल के नेता और राष्ट्रीय प्रभारी भी इसमें शामिल होते हैं. 

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