बिहार के नालंदा जिले के बिहार शरीफ सदर अस्पताल (Sadar Hospital) से एक बेहद ही दुखद मामला सामने आया है. डॉक्टर और इलाज के अभाव में एक बच्चे की मौत हो गयी. गौरतलब है कि पानी में डूबने से घायल एक बच्चे को इलाज के लिए परिजन सदर अस्पताल लेकर पहुंचे थे. हालांकि समय पर उचित इलाज नहीं होने के कारण उसकी मौत हो गयी. जानकारी के अनुसार परिवार वाले बच्चे को लेकर इमरजेंसी वार्ड पहुंचे थे. जहां कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं थे. अस्पताल के गार्ड द्वारा बताया गया डॉक्टर साहब पोस्टमार्टम करने गए हैं. इसके बाद बच्चा को एसएनसीयू वार्ड लाया गया जहां भी कोई चिकित्सक मौजूद नही थे. परिवार वाले बच्चे को बचाने के लिए कोशिश में जुटे रहे.
काफी देर बाद डॉक्टर वहां पहुंचे. बच्चे की इलाज शुरु हुई.लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका. मौत के बाद शव के लिए अस्पताल की तरफ से गाड़ी भी उपलब्ध नही करवाया गया. परिजन शव को बाइक से लेकर गए.
परिवार के लोगों ने बताया कि नालंदा थाना क्षेत्र के बिद्दुपुर गांव निवासी सोनू भारती के 3 वर्षीय पुत्र टुग्गु कुमार बिद्दुपुर गांव के तालाब में डूब गया था. जिसे निकाल कर इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया मगर डॉक्टर के हड़ताल पर रहने के कारण इमरजेंसी वार्ड में एक ही चिकित्सक थे. जो पोस्टमार्टम करने में लगे थे जिसके कारण काफी देरी से इलाज शुरू हुआ और जिस कारण बच्चे की मौत हो गयी.
बच्चे की मौत के बाद उसके शव को बाइक से लेकर उन्हें अपने घर ले जाना पड़ा. इस मामले में नालंदा के सिविल सर्जन ने कहा सदर अस्पताल में एक ही शव वाहन हैजिसके कारण शव को बाइक से ले जाया गया.
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