बिहार: BPSC ने 13 दिसंबर की परीक्षा रद्द करने से किया इनकार

बीपीएससी परीक्षा नियंत्रक राजेश कुमार सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘13 दिसंबर को आयोजित पूरी बीपीएससी परीक्षा रद्द करने का कोई सवाल ही नहीं है.

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पटना:

बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि राज्यभर में 13 दिसंबर को आयोजित हुई 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा (सीपीई) 2024 को प्रश्नपत्र लीक के आरोपों के कारण रद्द नहीं किया जायेगा. बीपीएससी परीक्षा नियंत्रक राजेश कुमार सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘13 दिसंबर को आयोजित पूरी बीपीएससी परीक्षा रद्द करने का कोई सवाल ही नहीं है. बीपीएससी ने बापू परीक्षा परिसर केंद्र पर आयोजित प्रारंभिक परीक्षा को केवल परीक्षा में व्यवधान डालने की साजिश के तहत उपद्रवी अभ्यर्थियों के एक समूह द्वारा उत्पन्न व्यवधान के कारण रद्द करने का निर्णय लिया है. पुनः परीक्षा चार जनवरी को शहर के किसी अन्य केंद्र पर आयोजित की जाएगी.''

सिंह ने कहा, ‘‘हमें जानकारी मिली है कि निजी कोचिंग संस्थानों का एक समूह अभ्यर्थियों को भड़का रहा है... और वे पूरी परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर छात्रों को संगठित कर रहे हैं. उनकी मांग निराधार है.''

बीपीएससी परीक्षा नियंत्रक का यह बयान ऐसे समय में आया है जब कई राजनीतिक हस्तियां प्रदर्शनकारियों के समर्थन में उतर आई हैं. प्रदर्शनकारी एक सप्ताह से अधिक समय से लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं और एक बार तो उन्होंने बीपीएससी परिसर में घुसने की कोशिश भी की थी, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई की थी.

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पिछले सप्ताह राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने शहर के गर्दनीबाग धरना स्थल पर प्रदर्शनकारियों से मुलाकात कर उनके साथ अपनी एकजुटता व्यक्त की थी.

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यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर परीक्षा रद्द करने की मांग भी की थी. बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह और पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने भी इसी तरह के संकेत किए हैं.

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इसके अलावा, जन सुराज पार्टी ने भी परीक्षा रद्द करने के लिए मुख्य सचिव को पत्र लिखा था और इसके संस्थापक प्रशांत किशोर एक दिन पहले धरना स्थल पर गए थे, जहां उन्होंने सरकार को तीन दिन के भीतर संकट को हल करने की चेतावनी दी दी थी और कहा था कि नहीं तो वह स्वयं विरोध का नेतृत्व करेंगे.

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हालांकि, प्रदर्शनकारी राजनीतिक नेताओं द्वारा उनके आंदोलन को अपने एजेंडे के लिए इस्तेमाल करने की कोशिश से नाराज दिखे, जबकि यूट्यूबर मोतीउर रहमान खान, जिन्हें गुरु रहमान के नाम से जाना जाता है, ने घोषणा की है कि किशोर को विरोध प्रदर्शन में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

शुक्रवार को जब वह धरना स्थल पर गए तो प्रदर्शनकारियों ने उन्हें भी खदेड़ दिया. समाचार चैनलों ने दो सोशल मीडिया हस्तियों के वीडियो फुटेज चलाए, जिसमें वे प्रदर्शनकारियों द्वारा उनके खिलाफ लगाए जा रहे नारों के बीच गुस्से में वहां से चले गए.

एक प्रदर्शनकारी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम खान सर या गुरु रहमान सहित किसी को भी अपने फायदे के लिए हमारे आंदोलन का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देंगे.'' अभ्यर्थियों का एक समूह राज्यभर में 13 दिसंबर को आयोजित हुई बीपीएससी की पूरी परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहा है. वे पिछले कई दिन से गर्दनीबाग में धरना दे रहे हैं.

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