- PM मोदी की मां के खिलाफ अभद्र टिप्पणी को लेकर भाजपा और सहयोगी दलों ने आज बिहार बंद का आह्वान किया है.
- ये बंद सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक रहेगा, आपातकालीन सेवाओं और रेल परिचालन को इससे बाहर रखा गया है.
- भाजपा महिला मोर्चा इस बंद का नेतृत्व करेगी, जो बिहार की राजनीति में इस तरह का बड़ा राजनीतिक आंदोलन है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी दिवंगत मां के खिलाफ कथित अभद्र टिप्पणी को लेकर बिहार की सियासत गरमा गई है. इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके एनडीए सहयोगी दलों ने गुरुवार, 4 सितंबर को राज्यव्यापी बिहार बंद का आह्वान किया है. बंद सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक रहेगा और इस दौरान आपातकालीन सेवाओं व रेल परिचालन को इससे बाहर रखा गया है.
यह बंद खास तौर पर भाजपा महिला मोर्चा के नेतृत्व में होगा, जो बिहार की राजनीति में पहली बार किसी बड़े राजनीतिक आंदोलन का नेतृत्व करेगी. राजग नेताओं का कहना है कि बंद का उद्देश्य जनता में असुविधा फैलाना नहीं, बल्कि विपक्ष के अस्वीकार्य व्यवहार का लोकतांत्रिक विरोध दर्ज कराना है.
दरअसल, कांग्रेस और राजद की अगुवाई में चल रही ‘वोटर अधिकार यात्रा' के दौरान दरभंगा में मंच से पीएम मोदी और उनकी मां के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां की गईं. इसी को लेकर भाजपा और एनडीए गठबंधन आक्रोशित है.
ये देश की हर मां का अपमान: बीजेपी
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा, 'यह सिर्फ मोदी की मां का अपमान नहीं, बल्कि देश की हर मां का अपमान है. माताओं को देवतुल्य माना जाता है और उनका अपमान असहनीय है.' उन्होंने लोगों से बंद में शामिल होकर कांग्रेस-राजद के खिलाफ एकजुट होने की अपील की.
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने विपक्ष पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि यह टिप्पणियां विपक्ष की मानसिकता को उजागर करती हैं.
वहीं, उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कांग्रेस और राजद नेताओं को 'देश का सबसे बड़ा अपमान करने वाला बेटा' तक कह दिया और उनसे माफी मांगने को कहा. प्रधानमंत्री मोदी ने भी इसे विपक्ष की 'दुर्भावनापूर्ण सोच' बताते हुए भरोसा जताया कि जनता चुनाव में उन्हें उचित जवाब देगी.
जनभावना जुटाने की क्षमता की परीक्षा
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि सत्ता में रहते हुए भाजपा का बंद बुलाना असामान्य कदम है. इसे पार्टी की ताकत और जनभावना जुटाने की क्षमता की परीक्षा के तौर पर देखा जा रहा है.
जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने भी महागठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा, 'यह टिप्पणी न सिर्फ लोकतांत्रिक परंपराओं का, बल्कि मां के पूजनीय पद का अपमान है. बिहार की धरती ऐसे लोगों को कभी माफ नहीं करेगी.' वहीं, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा कि राजद-कांग्रेस के मंच से इस्तेमाल की गई भाषा जंगलराज की याद दिलाती है.