Bihar Result 2025: उजियारपुर सीट पर आरजेडी के आलोक मेहता ने लगातार तीसरी बार जीत हासिल की

उजियारपुर की सबसे दिलचस्प और उलझी हुई कहानी यह है कि यहां के मतदाता विधानसभा में राजद पर भरोसा करते हैं, वहीं लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी (भजपा) को वरीयता देते हैं.

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बिहार की उजियारपुर विधानसभा सीट पर आरजेडी के नेता आलोक कुमार मेहता ने लगातार तीसरी बार जीत हासिल की है. उन्होंने राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रशांत कुमार को 16283 वोटों के अंतर से हराया.आलोक कुमार मेहता को 102707 मिले. आलोक कुमार मेहता को 102707 वोट मिले. प्रशांत कुमार पंकज को 86424 वोट मिले. जनसुराज के दुर्गा प्रसाद सिंह 9502 मिले. बता दें कि समस्तीपुर जिले की उजीयारपुर विधानसभा जातीय समीकरणों का केंद्र है , यहां यादव, कोइरी, भूमिहार और ब्राह्मण मतदाताओं का प्रभाव है.  2020 में भी आरजेडी ने यहां जीत दर्ज की थी. यहां के लोगों की मुख्य समस्याएं सिंचाई की कमी, खराब सड़कें और युवाओं का पलायन हैं. औद्योगिक विकास न के बराबर है, जिससे बड़ी संख्या में युवा रोज़गार के लिए बाहर जाते हैं. 

वैसे इस सीट की खास बात ये है कि यहां के मतदाता एक ही नेता या पार्टी को विधानसभा और लोकसभा के चुनावों में दो बिल्कुल अलग-अलग नजरिए से देखते हैं. उजियारपुर, जो दलसिंहसराय अनुमंडल का एक महत्वपूर्ण प्रखंड है, सदियों पुरानी मिथिला क्षेत्र की समृद्ध संस्कृति का हिस्सा है, लेकिन जब बात राजनीति की आती है तो यह सीट एक ऐसी पहेली बन जाती है, जहां स्थानीय और राष्ट्रीय मुद्दे सीधे तौर पर एक-दूसरे से टकराते हैं.

उजियारपुर विधानसभा क्षेत्र, जिसका गठन 2008 के परिसीमन के बाद हुआ, एक अपेक्षाकृत नई सीट है, लेकिन यहां की राजनीति में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का दबदबा शुरुआत से ही रहा है. पिछले तीन विधानसभा चुनावों में, मतदाताओं ने लगातार राजद पर अपना भरोसा जताया है. इस सीट के पहले विधानसभा चुनाव में राजद के दुर्गा प्रसाद सिंह ने जीत हासिल की थी. उन्होंने जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राम लखन महतो को पराजित किया था.

इससे पहले आलोक कुमार मेहता ने  2020 के चुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शील कुमार रॉय को भारी अंतर से मात दी थी. तब उपेंद्र कुशवाहा ने मायावती और ओवैसी के साथ मिलकर फ्रंट बनाया था और प्रशांत पंकज को उतारा था, लेकिन उन्हें बहुत कम वोट मिले और वह सिमट गए. यह लगातार तीसरी बार था जब इस सीट पर राजद की जीत हुई थी.

उजियारपुर विधानसभा की राजनीति में जातिगत समीकरण बहुत प्रभावी रहा है. उजियारपुर लोकसभा की बात करें तो यादव और कुशवाहा वोट यहां बहुतायत में हैं, लेकिन उजियारपुर विधानसभा में यादव और कुशवाहा के साथ-साथ ब्राह्मण और राजपूत वोट भी निर्णायक माने जाते हैं. यहां, शहरी मतदाता केवल 5.34 प्रतिशत हैं. 2020 के चुनाव में कुल मतदाता 2,99,159 पंजीकृत मतदाता थे, जिसमें अनुसूचित जाति (एससी) की भागीदारी 19.23 प्रतिशत थी. मुस्लिम मतदाताओं की भागीदारी लगभग 10 प्रतिशत थी. उजियारपुर की सबसे दिलचस्प और उलझी हुई कहानी यह है कि यहां के मतदाता विधानसभा में राजद पर भरोसा करते हैं, वहीं लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी (भजपा) को वरीयता देते हैं.

उजियारपुर विधानसभा क्षेत्र उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है. 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार नित्यानंद राय राष्ट्रीय जनता दल के आलोक कुमार मेहता को बड़े अंतर से हराकर उजियारपुर से सांसद चुने गए. यहां की जनता ने लोकसभा चुनावों में 2014 से लेकर 2024 तक भाजपा उम्मीदवारों पर भरोसा जताया है. यह सीट दलसिंहसराय मुख्यालय से 14 किमी और जिला मुख्यालय समस्तीपुर से 15 किमी की दूरी पर है. राज्य की राजधानी पटना से यह लगभग 95 किमी दूर है. यहां के निवासियों की आजीविका मुख्य रूप से कृषि पर आधारित है. हथकरघा उद्योग जैसे छोटे पैमाने के उद्यम भी स्थानीय अर्थव्यवस्था में योगदान देते हैं.

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