ऑपरेशन सिंदूर के बाद राजनीतिक 'हॉट स्पॉट' बन रहा बिहार, मोदी से पहले राहुल का दौरा, बिछ रही बिसात

ऑपरेशन सिंदूर की कार्रवाई के बाद बीजेपी अपने राष्ट्रवाद के मुद्दे को धार देने में जुटी है. वहीं कांग्रेस सीजफायर को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर मोदी सरकार को घेर रही है.

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पटना:

इसी साल अक्टूबर-नवंबर में बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. 243 सदस्यीय विधानसभा में अधिक से अधिक सीट पाने को लेकर सभी पार्टियां पूरी तैयारी में जुटी हैं. इसी बीच खबर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर से बिहार के दौरे पर जा रहे हैं. मई महीने के आखिरी में पीएम का रोहतास के बिक्रमगंज में कार्यक्रम होना है. उससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी गुरुवार को दरभंगा जा रहे हैं. चुनाव से पहले बिहार अब पॉलिटिकल बैटल ग्राउंड बनने जा रहा है.

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पीएम का ये पहला बिहार दौरा होगा. इससे पहले वो पहलगाम हमले के बाद 24 अप्रैल को बिहार के मधुबनी गए थे.

बीजेपी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रोहतास दौरे को लेकर तैयारियां भी शुरू कर दी है. हालांकि अभी आयोजन को लेकर तारीख का ऐलान नहीं हुआ है.

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राष्ट्रवाद के मुद्दे को धार देने में जुटी बीजेपी 

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और सीजफायर के बाद अब राजनीति भी तेज हो गई है. एक तरफ बीजेपी राष्ट्रवाद के मुद्दे को धार देने में जुट गई है वहीं विपक्षी दल कांग्रेस और आरजेडी तिरंगा यात्रा के जरिए सियासी माहौल अपने पक्ष में बनाने में लग गए हैं.

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बिहार में एक साथ उतरेंगे कांग्रेस के 60 से अधिक राष्ट्रीय स्तर के नेता

कांग्रेस ने पहले ही पद यात्रा और तिरंगा यात्रा के जरिए अपने चुनावी अभियान की शुरुआत कर दी है. 15 मई को राहुल गांधी एक बार फिर से बिहार पहुंच रहे हैं, जहां दरभंगा में वो ‘शिक्षा न्याय संवाद' कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे. राहुल इस दौरान बिहार में अपनी पूरी फौज उतारेंगे. कांग्रेस के 60 से अधिक राष्ट्रीय स्तर के नेता शिक्षा न्याय यात्रा शुरू करने के लिए राज्य के विभिन्न हिस्सों में होंगे.

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कांग्रेसी नेता कॉलेज, विश्वविद्यालयों और छात्रावासों का दौरा कर छात्रों से बातचीत करेंगे. उनका आरोप है कि बिहार के छात्रों को शैक्षणिक सत्र में देरी, प्रश्नपत्र लीक और अपनी आवाज उठाने पर विरोध प्रदर्शनों करने को लेकर राज्य सरकार के दमन जैसी कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में छात्रों से मिले फीडबैक का उपयोग न्याय पत्र बनाने में किया जाएगा, जो वादों का एक घोषणापत्र है.

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सीजफायर को लेकर ट्रंप के बयान पर मोदी सरकार को घेर रही कांग्रेस

कांग्रेस पहलगाम आतंकी हमले के बाद आपरेशन सिंदूर पर पूरी तरह से भारत सरकार के साथ थी और पाकिस्तान पर हर एक कार्रवाई का समर्थन कर रही थी. लेकिन सीजफायर की घोषणा के साथ ही पार्टी ने अपने तेवर बदल लिए. कांग्रेस सीजफायर को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर मोदी सरकार को घेरने में जुटी है. साथ ही इस पर चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है.

पीएम मोदी ने अपने पिछले मधुबनी दौरे में ही पहली बार पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई को लेकर हुंकार भरी थी. उन्होंने मधुबनी की रैली से पहलगाम हमले में शामिल आतंकियों को मिट्टी में मिलाने का ऐलान किया था.

आतंकवाद के खिलाफ बिहार की धरती से दुनिया को संदेश

पीएम मोदी ने कहा था, "आज बिहार की धरती से मैं पूरी दुनिया से कहता हूं, भारत हर आतंकवादी और उसके सरगना की पहचान करेगा, उसे खोजेगा और उसे सजा देगा. हम उन्हें धरती के कोने-कोने तक खदेड़ेंगे. आतंकवाद से भारत की आत्मा कभी नहीं टूटेगी. आतंकवाद को सजा मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास किया जाएगा. पूरा देश इस संकल्प पर अडिग है."

ऑपरेशन सिंदूर की कार्रवाई के बाद बीजेपी अपने राष्ट्रवाद के मुद्दे को धार देने में जुटी है. पीएम मोदी भी अपने भाषण में पाकिस्तान को मैसेज देने के साथ ही सियासी एजेंडा भी सेट करते नजर आए. इसके बाद बीजेपी के तमाम बड़े नेता उनके सुर में सुर मिला रहे हैं.

सीजफायर के बाद आरजेडी का सियासी दांव

इधर आरजेडी भी सीजफायर के बाद उठ रहे सवालों की आड़ में सियासी लाभ उठाने की फिराक में लग गई है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आरजेडी ने खुलकर सरकार का समर्थन किया और कार्रवाई के बाद भारतीय सेना को बधाई भी दी. लेकिन सीजफायर के बाद नरेंद्र मोदी सरकार से संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग कर सियासी दांव चल दिया.

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