- बिहार में चुनाव के लिए शनिवार को निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ पटना में बैठक की.
- बैठक में राजनीतिक दलों ने छठ के तुरंत बाद कम से कम चरण में चुनाव कराने की मांग की है.
- इस साल छठ पूजा 25 से 28 अक्टूबर के बीच होगी, इसमें बिहार में लाखों प्रवासी अपने घर लौटते हैं.
Bihar Assembly Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव का काउंटडाउन शुरू हो गया है. शनिवार निर्वाचन आयोग की टीम के साथ बिहार के राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की बैठक हुई. इस बैठक में राजनीतिक दलों ने निर्वाचन आयोग से कहा कि राज्य में छठ पूजा के तुरंत बाद विधानसभा चुनाव कराए जाएं, ताकि मतदाताओं की अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने में मदद मिल सके. बिहार में दिवाली के बाद मनाए जाने वाले छठ पर्व का बहुत महत्व है. यह पर्व इस साल 25 से 28 अक्टूबर के बीच मनाया जाएगा. छठ के लिए बिहार में लाखों प्रवासी पहुंचते हैं. ऐसे में उस समय चुनाव होने से मतदान अधिक होने की उम्मीद है.
6 राष्ट्रीय और 6 राज्य स्तरीय पार्टियों के प्रतिनिधि थे शामिल
अधिकारियों ने बताया कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार और निर्वाचन आयुक्त एसएस संधू तथा विवेक जोशी के साथ बातचीत में छह राष्ट्रीय और इतनी ही राज्य स्तरीय पार्टियों के प्रतिनिधियों ने कम से कम चरणों में चुनाव कराने पर भी जोर दिया.
बिहार में 22 नवंबर को समाप्त हो रहा मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल
निर्वाचन आयोग के अधिकारी बिहार में चुनाव से जुड़ी तैयारियों का जायजा लेने के लिए पटना की दो दिन की यात्रा पर हैं. बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है. पहले चरण का चुनाव छठ के तुरंत बाद अक्टूबर के अंत में होने की संभावना है.
2020 में कोविड के बीच तीन चरण में हुआ था चुनाव
दिवाली और छठ के दौरान, बिहार से बाहर नौकरी करने वाले अधिकांश लोग त्योहार मनाने के लिए घर लौटते हैं और ऐसा माना जाता है कि मतदाताओं की अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए चुनाव कराने का यह सबसे अच्छा समय है. वर्ष 2020 में, राज्य में पिछला विधानसभा चुनाव कोविड-19 महामारी की छाया में तीन चरणों में हुआ था.
राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करते चुनाव आयोग के अधिकारी.
जदयू के बिहार अध्यक्ष बोले- एक ही चरण में हो चुनाव
मुख्य चुनाव आयुक्त से मुलाकात के बाद JD(U) बिहार अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा, "हमारी पार्टी ने सुझाव दिया है कि चुनाव एक ही चरण में कराए जाएं. छठ पर्व के दौरान बाहर से आने वाले मतदाताओं को वोट डालने की सुविधा देने के लिए, चुनाव छठ पर्व के तुरंत बाद आयोजित किए जाने चाहिए..."
जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष ने भी एक ही चरण की बात कही
JDU सांसद संजय कुमार झा ने कहा, "हमने चुनाव आयोग के सामने अपनी बात रखी. बिहार में SIR हुआ है और बिहार देश को यह राह दिखाएगा कि SIR कैसे किया जाता है... हमने आग्रह किया है कि बिहार में 1 फेज में चुनाव होना चाहिए... बिहार में कानून व्यवस्था अच्छी है... अगर महाराष्ट्र में एक फेज में चुनाव हो सकता है तो बिहार में क्यों नहीं..."
राजद ने भी दो फेज में चुनाव कराने की मांग की है
राजद ने भी चुनाव आयोग से दो फेज में चुनाव कराने की मांग की है. साथ ही यह भी मांग की है कि जो नाम काटे गए हैं, उनकी अलग सूची जारी की जाए. बुर्का हटाकर महिलाओं की जांच करने पर विरोध किया गया. राजद के प्रतिनिधि ने कहा कि जब SIR की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, तो इसकी क्या जरूरत है? उन्होंने यह भी कहा कि दलित टोलों में प्रशासनिक व्यवस्था पूरी तरह से होनी चाहिए, ताकि वोट देने में आसानी हो.
भाजपा अध्यक्ष ने दो फेज में चुनाव कराने की सलाह दी
बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा, "हमने चुनाव आयोग को बधाई दी कि पारदर्शी तरीके से मतदाता सूची का प्रकाशन किया गया. हमने कुछ सुझाव भी दिए हैं. चुनाव के एक-दो दिन पहले पिछड़े समाज, अति पिछड़े समाज के गांवों में अर्धसैनिक बल की उपलब्धता हो और वहां मार्च भी कराया जाए ताकि वोटर में आत्मविश्वास जगे कि उन पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं डाला जाएगा...
उन्होंने आगे कहा कि विगत चुनाव में कुछ शिकायत मिली थी कि मतदाता को वोटर पर्ची सही समय पर नहीं पहुंच पाई थी, हमने चुनाव आयोग से अनुरोध किया है कि वोटर पर्ची समय पर मतदाताओं को पहुंचाई जाए...CCTV के माध्यम से निगरानी की जाए...
भाजपा अध्यक्ष ने कहा- हमने अनुरोध किया है कि मतदान 2 फेज में किया जाए क्योंकि ज्यादा फेज होने से मतदाता और उम्मीदवारों का खर्च बढ़ता है और सभी संस्थाएं इससे बाधित भी होती हैं...मतदाताओं को सुरक्षा प्रदान की जाए...हमसे यह भी पूछा गया कि चुनाव कब होने चाहिए. हमने कहा है कि वो चुनाव की घोषणा के 28 दिन के बाद ही चुनाव करा सकते हैं...चुनाव कराने में देर ना की जाए..."
डिप्टी सीएम बोले- आयोग का जो भी फैसला होगा, सबको मानना होगा
बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा, "हर पार्टी की अपनी सोच और मांग होती है, चुनाव आयोग एक स्वतंत्र संस्था है, जो भी फैसला लेगा, सबको मानना होगा... 'अप्पू' और 'पप्पू' (तेजस्वी यादव और राहुल गांधी) दो नेता हैं, एक को मुख्यमंत्री और दूसरे को प्रधानमंत्री बनाते रहते हैं, वे संवैधानिक पदों पर बैठे हैं लेकिन अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन नहीं करते... जनता ने तय कर लिया है कि नेता वही बनेगा जिसने सेवक भाव से विकास किया हो, जिसने बिहारी शब्द को गाली से हटाकर गौरवान्वित किया हो..."
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