- बिहार चुनाव के लिए NDA में सीट शेयरिंग हो गई है. सभी सहयोगी दलों ने इस फॉर्मूले पर सहमति जताई है.
- BJP और JDU दोनों 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, जबकि चिराग पासवान की पार्टी को 29 सीटें मिली हैं.
- सीट बंटवारे में सांसद के आधार पर 6 सीटें देने का फॉर्मूला अपनाया गया, इसी के आधार पर सीटों बांटे गए.
NDA seat sharing: बिहार में NDA में सीट शेयरिंग पर सहमति बन गई है. बीते करीब एक हफ्ते से सभी सहयोगी दलों के लिए सीट शेयरिंग को लेकर लगातार बातचीत का दौर जारी था. लेकिन एक सहमति नहीं बन पा रही थी. हालांकि दिल्ली में चली ताबड़तोड़ बैठकों के बाद सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय हुआ. जिस पर एनडीए के सभी दलों ने सहमति जताई. सीट शेयरिंग के अनुसार अब बिहार में भाजपा छोटा भाई नहीं कहलाएगी. इस बार बीजेपी और जदयू दोनों 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. इसके अलावा चिराग पासवान की पार्टी 29 तो उपेंद्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी की पार्टी 6-6 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. सीट बंटवारों की घोषणा तो हो गई. लेकिन कई दिनों की माथापच्ची के बाद सीट शेयरिंग को कैसे अमलीजामा पहनाया गया, इसकी इनसाइड स्टोरी बड़ी रोचक है.
कुछ ऐसे बंटेंगी सीटें
टीम NDA | सीट बंटवारा |
BJP | 101 |
JDU | 101 |
LJP (R) चिराग पासवान की पार्टी | 29 |
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) जीतनराम मांझी की पार्टी | 6 |
राष्ट्रीय लोक मोर्चा (उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी) | 6 |
NDA गठबंधन के बीच ऐसे बनी सहमति
बिहार में पिछली बार JDU 115 पर लड़ी थी, लेकिन जीती 43 सीटें थी. जीतने का स्ट्राइक रेट कम था, इसलिए गठबंधन में बड़े भाई का स्टेटस इस बार छिन गया. BJP-JDU में सीट शेयरिंग का फ़ार्मूला सप्ताह भर पहले ही तय हो गया था. लेकिन चिराग़ पासवान, जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा से सीटों के बंटवारे पर विवाद बढ़ा तब बीजेपी शीर्ष नेतृत्व ने एक अलग फॉर्मूला बनाया, जिसके आधार पर सभी दलों को सीटें दी गई.
एक सांसद पर छह सीट देने का समीकरण
दरअसल सीट बंटवारे पर फंसी पेंच जब सुलझ नहीं रही थी तब बीजेपी आलाकमान ने एक सांसद पर 6 सीटें देने का समीकरण बनाया. इसी फॉर्मूले के तहत चिराग पासवान को 5 सांसद के हिसाब से 29 सीटें दी गई. वो गोविंदगंज विधानसभा सीट की मांग कर रहे थे, वो भी उनको दिया गया है.
उपेंद्र कुशवाहा को 2026 में भी बनाया जाएगा राज्यसभा सांसद
राष्ट्रीय लोक मोर्चा के नेता उपेंद्र कुशवाहा लोकसभा चुनाव हार गए थे. लेकिन वो अपनी पार्टी से इकलौते राज्यसभा सांसद हैं. ऐसे में उन्हें एक सांसद के आधार पर 6 सीटें दी गई. साथ ही उपेंद्र कुशवाहा को यह आश्वासन दिया गया कि 2026 में राज्यसभा सांसदी समाप्त होने के बाद उन्हें फिर से राज्यसभा सांसद बनाया जाएगा.
जीतन राम मांझी अपनी पार्टी के एक मात्र सांसद, सीटें 6 मिली
केंद्रीय मंत्री और हिन्दुस्तानी अवामी मोर्चा (सेकुलर) के नेता जीतन राम मांझी अपनी पार्टी के इकलौते सांसद हैं. ऐसे में उनकी पार्टी को को भी 6 सीटें दी गई. साथ ही मांझी अतरी सीट के लिए अड़े थे, क्योंकि वो अंतरी से अपनी बेटी को चुनाव लड़ाना चाहते हैं. ऐसे में उन्हें अंतरी सीटे भी दी गई.
बीजेपी के 17 सांसद, सीटें मिली 101, जदयू को फायदा
लोकसभा चुनाव 2024 में बिहार में बीजेपी ने 17 और जदयू ने 16 सीटों पर जीत हासिल की थी. ऐसे में बीजेपी को 101 सीटें मिली. जबकि जदयू को भी 101 सीटें मिली. हालांकि एक सांसद पर 6 विधानसभा के फॉर्मूले के तहत जेडीयू को फायदा हुआ. क्योंकि जदयू के 16 सांसद हैं. इस हिसाब से उन्हें 96 विधानसभा सीटें मिलती.
लेकिन यह भी चर्चा है कि बीजेपी के कई उम्मीदवार गठबंधन को दी गई सीटों पर भी लड़ सकते हैं. यानि सीट स्वैपिंग का भी फ़ार्मूला तय किया है ताकि एंटी इंकबेसी फ़ैक्टर को काटा जा सके.
यह भी पढ़ें - बिहार NDA में सीट बंटवारे का ऐलान, 101-101 सीटों पर लड़ेगी BJP-JDU, जानें चिराग-मांझी-कुशवाहा के हिस्से क्या