बेगूसराय : नगर निगम की लापरवाही, नाले के टूटे ढक्कन में पैर फंसने से हुई 11 साल की बच्ची की मौत

लोगों ने बताया कि कई बार नगर निगम को और स्थानीय पार्षद को इसकी शिकायत की गई कि टूटे नाले का ढक्कन की मरम्मत की जाए लेकिन नगर निगम प्रशासन और स्थानीय पार्षद सिर्फ आकर देखकर आश्वासन देते हैं, लेकिन आज तक ढक्कन बदला नहीं गया.

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बिहार के बेगूसराय में नगर निगम के टूटे नाले के ढक्कन ने एक मासूम बच्ची की जान ले ली. दरअसल, शहर के वार्ड 31 स्थित मीरगंज मोहल्ले में घर के सामने टूटे नाले के ढक्कन में पैर फंसने से रणजीत राम की 11 वर्षीय पुत्री 14 नवंबर की देर शाम गंभीर रूप घायल हो गई थी, जिसे इलाज के लिए शहर की एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इलाज के दौरान शनिवार की देर रात उसकी मौत निजी अस्पताल में हो गई. इस घटना से परिजनों और स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है.

स्थानीय लोगों का आरोप है कि मीरगंज मोहल्ले की गली में सालों से नाले के ढक्कन टूटे हुए हैं और सड़क किनारे बने नाले के ढक्कन भी टूटे हैं. यहां आए दिन राहगीर और मोहल्ले के लोग इस टूटे नाले के ढक्कन में गिरने से घायल होते हैं. कई बार नगर निगम को और स्थानीय पार्षद को इसकी शिकायत की गई कि टूटे नाले का ढक्कन की मरम्मत की जाए लेकिन नगर निगम प्रशासन और स्थानीय पार्षद सिर्फ आकर देखकर आश्वासन देते हैं, लेकिन आज तक ढक्कन बदला नहीं गया जिस वजह से रोजाना यहां हादसे होते हैं. अब एक मासूम बच्ची की मौत नाले की ढक्कन की वजह से हो गई.

स्थानीय लोगों में नगर निगम प्रशासन के प्रति काफी आक्रोश है कि टूटे नाले की ढक्कन में बच्ची का पांव फस गया और उसका पांव पूरी तरह से घायल हो गया और इलाज के दौरान मासूम बच्ची की दर्दनाक मौत हो गई, हालांकि मौत के बाद परिजनों ने बिना लिखित शिकायत के शव को दाह संस्कार के लिए ले गए लेकिन स्थानीय लोगों में नगर निगम के प्रति काफी आक्रोश ह.। स्थानीय लोगों ने बताया कि कई बार शिकायत की गई लेकिन ढक्कन की मरम्मती या बदलने का काम नहीं किया गया जिस वजह से आज एक मासूम बच्ची की मौत हुई है. इससे पहले भी करीब दर्जन भर लोग इस टूटे नाले की ढक्कन में आने जाने के दौरान गिरकर घायल हुए हैं. 

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