बिहार में एक साल से पहेली क्यों बनी हुई है एक AK-47? समझिए पीछे की पूरी इनसाइड स्टोरी

NIA को आशंका है कि चीन नागालैंड के रास्ते भारत में हथियार की सप्लाई में लगा है. इसके लिए वो कुछ स्थानीय आर्म्स डीलर का इस्तेमाल कर रहा है.

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बिहार के अलग-अलग जिलों में एनआईए की छापेमारी
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  • NIA ने बिहार के हाजीपुर, मुजफ्फरपुर और पूर्वी चंपारण में हथियार तस्करी के संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी की
  • जांच में पता चला कि चीन से नागालैंड होते हुए भारत में एके-47 और अन्य विदेशी हथियार तस्करी हो रही है
  • एनआईए ने हाजीपुर से दो पिस्तौल, शराब की बोतलें, मोबाइल फोन और अन्य उपकरण जब्त किए हैं
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पटना:

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की टीम बिहार के मुजफ्फरपुर से जब्त किए गए एके-47 राइफल के नागालैंड कनेक्शन की जांच बीते एक साल से कर रही है. इस मामले की जांच को लेकर गुरुवार को भी बिहार के हाजीपुर, मुजफ्फरपुर और पूर्वी चंपारण में कई ठिकानों पर छापेमारी की गई. अलग-अलग ठिकानों पर की गई ये छापेमारी करीब 12 घंटे तक चली. इस कार्रवाई के दौरान एनआईए की टीम को हाजीपुर से दो पिस्तौल और शराब की बोतलें जब्त की है. दूसरे ठिकानों से टीम ने मोबाइल फोन और अन्य उपकरण भी अपने कब्जे में लिया है. एनआईए की टीम को शक है कि चीन, नागालैंड के रास्ते भारत में हथियार की तस्करी कर रहा है और ये हथियार अब बिहार तक पहुंच चुके हैं. 

मई में हुआ था बड़ा खुलासा

इस मामले की जांच में इसी साल मई में एक बड़ा खुलास हुआ था. जांच में पता चला था कि बिहार के कई जिलों में सक्रिय बदमाश नागालैंड के रास्ते चीन से घातक हथियार पहुंच रहा है. हथियारों की इस तस्करी में अहमद अंसारी, विकास कुमार और देवमनी राय का नाम सामने आया था. एनआईए की जांच में पता चला कि ये सभी लोग दीमापुर के रणजीत दास के लिए काम करते हैं. ये सभी लोग नागालैंड के हथियार तस्करों के सीधे संपर्क में है. 

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रणजीत दास की भूमिका की हो रही है जांच 

एनआईए की एक टीम म्यांमार के रास्ते आने वाले हथियारों को लेकर भी जांच कर रही है. टीम हथियार तस्करी में रणजीत दास की भूमिका की भी जांच कर रही है. एनआईए ने तो अपनी चार्जशीट में भी रणजीत दास के नाम का जिक्र किया है. 

विदेशी हथियारों की तस्करी की बात भी आई सामने

एनआईए की जांच में पता चला है कि अहम अंसारी, विकास कुमार और उसके लिए काम करने वाले अन्य लोग एके-47 के साथ-साथ अन्य विदेशी हथियारों की तस्करी में भी शामिल हैं. इन लोगों के पास से जो मोबाइल फोन मिला है उनमें कई अन्य विदेशी हथियारों की तस्वीरें भी हैं.

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क्या हैं पूरा मामला

बिहार पुलिस ने पिछले साल सात मई को मुजफ्फरपुर जंक्शन के पास पोखरैरा के विकास कुमार और हाजीपुर के सत्यम को एके-47 में लगने वाली दूरबीन और बट के साथ गिरफ्तार किया था. जब पुलिस ने उनसे सख्ती से पूछताछ की तो पता चला कि वो ये हथियार नागालैंड से लेकर आ रहे हैं. इससे पहले वह एके-47 भी लेकर आ चुके हैं जो उन्होंने अपने एक जानकार को दी है. इसके बाद जब पुलिस की टीम ने संबंधित शख्स के घर पर छापेमार की तो वहां से उन्हें एके-47 राइफल मिली. इसी पूछताछ के दौरान आरोपियों ने नागालैंड के हथियार तस्करों के बारे में पुलिस टीम को बताया था.  

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