पटना में खुदाई के दौरान मिलीं लगभग 2,000 साल पुरानी ईंट की दीवारें, कुषाण युग के होने की संभावना

अधिकारी ने बताया, ‘‘हमने नई दिल्ली स्थित एएसआई मुख्यालय में अपने वरिष्ठ अधिकारियों को प्राचीन ईंट की दीवारों की खोज के बारे में सूचित किया है. ऐसा प्रतीत होता है कि ये ईंटें कुषाण युग की हैं."

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
(प्रतीकात्मक तस्वीर)
पटना:

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की पटना शाखा को शहर में संरक्षित कुम्हरार तालाब की खुदाई के दौरान कम से कम 2000 साल पुरानी ईंट की दीवार मिली है. गौरतलब है कि कुम्हरार पटना रेलवे स्टेशन से 6 किलोमीटर पूरब में स्थित है, जहां मौर्य कालीन शहर पाटलिपुत्र के पुरातात्विक अवशेष हैं. एएसआई के पटना सर्कल के अधीक्षण पुरातत्वविद गौतमी भट्टाचार्य ने बताया, ‘‘एएसआई अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को तालाब की खुदाई के दौरान ईंट की दीवारों को सबसे पहले खोजा था. एएसआई केंद्र के मिशन अमृत सरोवर पहल के तहत कुम्हरार तालाब का कायाकल्प कर रहा है. तालाब के अंदर से ईंट की दीवारों की खोज बहुत महत्वपूर्ण है. एएसआई विशेषज्ञों की एक टीम ईंट की दीवारों के पुरातत्व महत्व का विश्लेषण कर रही है.''

उन्होंने बताया, ‘‘हमने नई दिल्ली स्थित एएसआई मुख्यालय में अपने वरिष्ठ अधिकारियों को प्राचीन (लगभग 2000 साल पुरानी) ईंट की दीवारों की खोज के बारे में सूचित किया है. ऐसा प्रतीत होता है कि ये ईंटें कुषाण युग की हैं. हालांकि, विस्तृत विश्लेषण के बाद ही हम यह निष्कर्ष निकाल पाएंगे कि बरामद प्राचीन ईंटें किस काल की हैं.'' कुषाण काल लगभग 30 ईस्वी से 375 ईस्वी तक माना जाता है.

मौर्य महल (कुम्हरार में) की साइट में मिले अवशेषों में आरोग्य विहार नामक 80 स्तंभों वाला हॉल शामिल है. मौर्य काल (322-185 ईसा पूर्व) के पुरातात्विक अवशेष यहां खोजे गए हैं. यहां की खुदाई 600 ईसा पूर्व की है और अजातशत्रु, चंद्रगुप्त और अशोक की प्राचीन राजधानी को चिह्नित करती है. सामूहिक रूप से अवशेष 600 ईसा पूर्व (बीसीई) से 600 सीई तक तक के हैं.

Advertisement

एएसआई, पटना मिशन अमृत सरोवर पहल के तहत बिहार में अपने सभी ग्यारह संरक्षित जल निकायों का कायाकल्प कर रहा है. ये एएसआई संरक्षित जल निकाय पटना में कुम्हरार, चौक शिकारपुर एवं मनेर, रोहतास में सासाराम एवं रोहतासगढ़, नालंदा, पश्चिम चंपारण, मधुबनी, मुजफ्फरपुर और सीवान में स्थित हैं. 

Advertisement

भविष्य के लिए जल संरक्षण की दृष्टि से प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 अप्रैल को मिशन अमृत सरोवर नामक एक नई पहल की शुरुआत की. मिशन का उद्देश्य आजादी के उत्सव के एक भाग के रूप में देश के प्रत्येक जिले में 75 जल निकायों का विकास और कायाकल्प करना है. 

Advertisement

यह भी पढ़ें - 

महिला ने खुद को बताया देवी पार्वती, भगवान शिव से विवाह की जताई इच्‍छा जताई, भारत-चीन बॉर्डर के पास इलाके में रुकने पर अड़ी

Advertisement

जम्मू कश्मीर : अनंतनाग में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़, तीन सैनिक घायल

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Indian Navy को मिलेगी INS Surat, INS वाघशीर और INS नीलगिरि की सौगात | Mumbai | PM Modi
Topics mentioned in this article