- बिना वैलिड इंश्योरेंस के वाहन चलाने पर ट्रैफिक पुलिस भारी जुर्माना लगाती है
- इंश्योरेंस एक्सपायर होने पर दुर्घटना में मरम्मत और मुआवजे का पूरा खर्च वाहन मालिक को देना पड़ता है
- समय पर पॉलिसी रिन्यू न करने पर नो क्लेम बोनस का फायदा खत्म हो जाता है और प्रीमियम महंगा हो सकता है
Renewing Vehicle Insurance Tips: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अक्सर छोटी-छोटी बातें भूल जाते हैं. लेकिन कभी-कभी ये छोटी भूल जेब पर बहुत भारी पड़ जाती है. ऐसे ही इन भूलों में शामिल है कार का इंश्योरेंस रिन्यू कराना. अमूमन देखा जाता है कि इंश्योरेंस रिन्यू के मामले में हम लापरवाही बरत देते हैं. सोचते हैं कि आखिरी दिन से कुछ दिन पहले रिन्यू करा लेंगे. पर वो आखिरी दिन कभी नहीं आता. अगर आपकी कार की पॉलिसी एक्सपायर हो गई है तो आपको कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
1. भारी-भरकम चालान
भारत में बिना वैलिड इंश्योरेंस के सड़क पर गाड़ी चलाना एक कानूनी अपराध है. अगर ट्रैफिक पुलिस आपको पकड़ती है तो आपको भारी जुर्माना देना पड़ सकता है. पहली बार पकड़े जाने पर 2,000 रुपये तक का जुर्माना या 3 महीने की जेल हो सकती है. दोबारा पकड़े जाने पर यह जुर्माना 4,000 रुपये तक बढ़ सकता है.
2. एक्सीडेंट होने पर सारा खर्च आपकी जेब से
भगवान न करे अगर आपकी कार से कोई दुर्घटना हो जाती है और इंश्योरेंस एक्सपायर हो चुका है तो कंपनी एक रुपया भी नहीं देगी. गाड़ी की मरम्मत का पूरा खर्च आपको खुद उठाना होगा. इसके अलावा अगर किसी दूसरे व्यक्ति को चोट लगती है या उसकी कार का नुकसान होता है तो उसका मुआवजा भी आपको अपनी जेब से देना होगा, जो लाखों में हो सकता है.
3. नो क्लेम बोनस का नुकसान
नो क्लेम बोनस का फायदा तभी मिलता है, जब आप हर साल अपनी पॉलिसी समय से रिन्यू करा रहे हैंय नो क्लेम बोनस का मतलब है जब आप अगली साल पॉलिसी रिन्यू कराएंगे, तब कंपनी नो क्लेम बोनस डिस्काउंट देती है. यह डिस्काउंट 20% से 50% तक हो सकता है. लेकिन अगर आपकी पॉलिसी खत्म होने के 90 दिनों के अंदर आपने रिन्यू नहीं कराया, तो आप अपना सारा जमा किया हुआ बोनस खो देंगे. यानी अगली बार आपको बीमा बहुत महंगा मिलेगा.
4. कार की सेफ्टी खत्म
अगर आपकी कार चोरी हो जाती है या आग, बाढ़ और भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा में खराब हो जाती है तो इंश्योरेंस न होने की कंडीशन में आपको लाखों का नुकसान उठाना पड़ेगा. रिन्यूअल न होने का मतलब है कि आपकी कार की सेफ्टी जीरो है.
5. रिन्यूअल का प्रोसेस मुश्किल होना
पॉलिसी एक्सपायर होने के बाद उसे दोबारा शुरू कराना काफी सिरदर्द वाला काम होता है. बीमा कंपनी आपकी कार का दोबारा फिजिकल इंस्पेक्शन करेगी. अगर गाड़ी में कोई भी छोटी खरोंच या डेंट मिलता है तो उसे पुराना डेमेज मानकर कवर से बाहर कर दिया जाएगा. साथ ही नई पॉलिसी के लिए आपको ज्यादा प्रीमियम भी देना पड़ सकता है.














