Astrology: अन्य भाव की तरह कुंडली का तीसरा भाव काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. तीसरे भाव के स्वामी ग्रह बुध और कारक ग्रह मंगल (Mars) हैं. इस भाव को भाई-बहन और पराक्रम से जुड़ा माना जाता है. इस भाव में मंगल हों, तो व्यक्ति काफी स्पष्ट होता है. वे दूसरों के समक्ष अपनी बातों को बेहतर तरीके से प्रकट कर सकते हैं. खास बात यह है कि इस भाव में मंगल व्यक्ति को मशहूर बनाता है. ऐसे लोगों को अपने क्रोध पर नियंत्रण रखने की जरूरत है, अन्यथा परेशानी बढ़ सकती है.
मंगल के सकारात्मक प्रभाव
मंगल के प्रभाव से व्यक्ति में काफी आत्मविश्वास देखने को मिलता है. उसमें काफी ऊर्जा होती है. इस भाव में मंगल के प्रभाव से व्यक्ति अपने विचारों को काफी सहज रूप में स्पष्टता के साथ प्रकट कर सकता है. ये काफी धैर्यवान और साहसी होते हैं. शारीरिक रूप से भी स्वस्थ होते हैं. ऐसे लोग विद्वान होने के साथ ही कई विषयों के भी जानकार होते हैं. वे हर स्थिति में अपने परिवार का साथ देते हैं और सारी बाधाओं के बावजूद उनका साथ निभाते हैं.
मंगल के नकारात्मक प्रभाव
इस भाव में मंगल के कुछ नकारात्मक प्रभाव भी हैं. मंगल के कारण व्यक्ति की वाणी थोड़ी कटु हो सकती है. मंगल के प्रभाव से आपके भाई खासकर छोटे भाइयों को कुछ तकलीफ हो सकती है. आपके पिता का स्वभाव भी कुछ हद तक क्रोध भरा हो सकता है. ऐसे लोगों को धनहानि और अलगाव का भी सामना करना पड़ेगा, हालांकि मुकदमा आदि में जीत होगी. शत्रु भी आपसे परास्त होंगे. मंगल की ऊर्जा के प्रभाव से कई बार व्यक्ति लापरवाह हो सकता है. ऐसे में ज्यादा दुस्साहस खतरनाक साबित हो सकता है.
वैवाहिक जीवन पर प्रभाव
तीसरे भाव में मंगल के पारिवारिक और वैवाहिक जीवन पर प्रभाव की बात करें तो भाई के साथ रिश्ते बेहतर नहीं होते. कई बार उनका कोई छोटा भाई नहीं होता. हालांकि छोटी बहन जरूर हो सकती है. जहां तक वैवाहिक जीवन की बात है, तो आपको मिले-जुले प्रभाव देखने को मिल सकते हैं. आप एक अच्छे जीवनसाथी होंगे, लेकिन आपको अपने स्वभाव पर नियंत्रण रखना होगा, अन्यथा परेशानी हो सकती है. हालांकि, आपको अपने लाइफ पार्टनर का पूरा सहयोग मिलेगा. दूसरे पर हावी होने की प्रवृत्ति को दूर रखेंगे तो आपका वैवाहिक जीवन सुखद होगा.
मंगल का करियर पर प्रभाव
तीसरे भाव में मंगल के प्रभाव की बात करें तो व्यक्ति की इंजीनियरिंग के क्षेत्र में रूचि हो सकती है. इसके अलावा अस्त्र-शस्त्र से जुड़े क्षेत्रों में भी नौकरी के योग बनते हैं. यह भाव ज्ञान और संचार जैसे क्षेत्रों को भी प्रभावित करता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)