दौसा से सांसद हरीश मीणा ने बुधवार को कांग्रेस का हाथ थाम लिया.
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हरीश मीणा राजस्थान के दौसा से भाजपा सांसद हैं.
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दूसरी तरफ एनडीटीवी से बात करते हुए हरीश मीणा ने कहा, 'मैंने छोड़ने से पहले भाजपा में किसी से बात नहीं की. आज भाजपा से इस्तीफा दे दूंगा. मेरी तो कांग्रेस में घर वापसी हुई है. पहले नाराजगी थी तो छोड़ा था, अब नाराजगी दूर हो गई है. मैंने कांग्रेस बिना किसी शर्त के ज्वाइन की है. किसी टिकट का वादा नहीं लिया है, जो पार्टी कहेगी वो करूंगा. और भी लोगों को लेकर आऊंगा. बीजेपी ने कुछ नहीं किया.' इसके साथ ही राजस्थान में भाजपा को एक और बड़ा झटका लगा है. जहां नागौर से भाजपा विधायक हबीब उर रहमान भी कांग्रेस के साथ जुड़ने जा रहे हैं. भाजपा के उम्मीदवारों की पहली लिस्ट में इनका नाम नहीं आया था. इसके बाद से ये पार्टी नेतृत्व से नाराज थे.
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हरीश मीणा का पार्टी छोड़ना भाजपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. हरीश मीणा के भाई नमो नारायण मीणा पहले से ही कांग्रेस के साथ हैं. उन्होंने 2014 के आम चुनाव में अपने बड़े भाई और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नमोनारायण मीणा को हराया था. पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार में राज्य के पुलिस प्रमुख रहे पूर्व आईपीएस अधिकारी हरीश मीणा मार्च 2014 में भाजपा में शामिल हुए. पार्टी ने उन्हें दौसा सीट पर उनके ही बड़े भाई और तत्कालीन केंद्रीय राज्यमंत्री नमोनारायण मीणा के खिलाफ उतारा. इस सीट पर हरीश विजयी रहे जबकि किरोड़ीलाल मीणा दूसरे और नमोनारायण मीणा तीसरे स्थान पर आए. राजस्थान में मीणा जाति का काफी प्रभाव है और पूर्वी राजस्थान में अहम मतदाताओं के तौर पर इन्हें देखा जाता है.
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