सरकार ने गुरुवार को कहा कि फिलहाल पशुचारे (Animal Feed) की आपूर्ति का कोई संकट नहीं है लेकिन कीमतें ऊंची बनी हुई हैं और भविष्य में किसी भी संभावित कमी को दूर करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, चारे की मौजूदा ऊंची कीमतें अन्य कृषि उत्पादों के अनुरूप हैं और राज्यों ने अभी किसी कमी की सूचना नहीं दी है. इस संबंध में गुरुवार को हुई समीक्षा बैठक में चारा आपूर्ति से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की गई. बैठक की अध्यक्षता पशुपालन विभाग (Animal Husbandry Department) और डेयरी सचिव राजेश कुमार सिंह ने की और इसमें विभिन्न हितधारकों के अलावा 15 राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया.
बैठक में शामिल एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, ‘‘बैठक में राज्यों ने कहा कि अभी चारे की कमी की कोई खबर नहीं है लेकिन कीमतों में तेजी आई है. मुद्रास्फीति का दबाव अन्य कृषि उत्पादों के अनुरूप है.''अधिकारी ने कहा कि सूखे चारे की कीमतों में सामान्य मुद्रास्फीति है, जो एक साल पहले की अवधि में पांच से छह रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर आठ से 14 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है. कीमत का रुझान स्थान पर भी निर्भर करता है और हरे चारे के मामले में उपलब्धता मौसम पर निर्भर करती है.
उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश सरकारों के कृषि सचिवों और पशुपालन और डेयरी सचिवों ने भी इस समीक्षा बैठक में भाग लिया. इस दौरान केंद्रीय कृषि मंत्रालय, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे.