कांग्रेस ने मोदी सरकार को किसान विरोधी बताते हुए गुरुवार को कहा कि उसकी सोच किसान का अपमानित करने वाली है इसलिए किसान निधि देने वाली सरकार ने ही इसकी वसूली का नोटिस किसानों को थमा दिया है.
कांग्रेस प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि मोदी सरकार ने अपने मित्र उद्योगपतियों को जमकर पैसा दिया है और उनसे इसकी वसूली करने की बजाय किसानों से किसान निधि के पैसे की वसूली की जा रही है.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने किसान निधि योजना शुरु करके किसानों के खाते में पैसे डाले लेकिन अब उस राशि की वसूली के लिए किसानों को नोटिस भेजा जा रहा है. निधि वूसली के लिए नोटिस को किसान का अपमान बताते हुए उन्होंने कहा कि निधि को किसान अपमान बनाने की कोशिश करने वाली सरकार को ये सभी नोटित तत्काल वापस लेने चाहिए.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश में किसान सम्मान निधि में किसानों को अपात्र बताकर निधि का पैसा वापस करने के लिए किसानों को नोटिस भेजा है और इस तरह की कार्रवाई को तत्काल बंद किया जाना चाहिए और किसान सम्मान निधि के किसान अपमान निधि नहीं बनाया जाना चाहिए. सरकार ने मित्र उद्योगपतियों का लाखों करोड़ का कर्ज माफ किया है लेकिन गरीब अन्नदाता से किसान निधि का पैसा वापस ले रही है.
उन्होंने कहा कि 2019 में सरकार ने जब यह योजना शुरु की थी तो उस समय आम चुनाव होने थे और सरकार ने लोकसभा चुनाव के पहले आनन-फानन में किसानों का बैंक अकाउंट नंबर लेकर चुनाव से पहले किसानों को सम्मान निधि की पहली किस्त पहुंचा दी. अब केन्द्र सरकार कह रही है कि जो लोग इसके पात्र नहीं हैं और यदि उन्होंने किसान सम्मान निधि प्राप्त की है तो उसे वापस करना पड़ेगा और इसके लिए लिए नोटिस भेजे जा रहे हैं.
प्रवक्ता ने उत्तर प्रदेश को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग करते हुए कहा कि प्रदेश में इस वर्ष औसत वर्षा से 44 प्रतिशत कम वर्षा अब तक रिकाॅर्ड की गई है और किसान परेशान हो रहा है. बारिश कम होने के कारण खरीफ की सभी फसलें सूख गई हैं.