एक नदी कभी नहीं भूलती! लाल किले तक पहुंची यमुना नदी, लोगों को याद आ गया इतिहास

यमुना नदी रविवार से खतरे के निशान से ऊपर है और बुधवार को 207.49 मीटर के पिछले रिकॉर्ड को पार कर गई है.

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एक नदी कभी नहीं भूलती! लाल किले तक पहुंची यमुना नदी, लोगों को याद आ गया इतिहास

राष्ट्रीय राजधानी हाल ही में हुई भारी बारिश और यमुना नदी (River Yamuna) में बाढ़ के कारण अभूतपूर्व बाढ़ जैसी स्थिति से जूझ रही है. लगभग 45 वर्षों के बाद, शक्तिशाली नदी अपने उच्चतम स्तर पर पहुँच गई, शहर के कुछ हिस्से जलमग्न हो गए और हजारों लोगों को आस-पास के इलाकों से निकलने के लिए मजबूर होना पड़ा.

अब, जबकि पानी खतरे के निशान को पार कर गया है और आस-पास के इलाकों में बह रहा है, ऐतिहासिक लाल किले (Red Fort) से तस्वीरें सामने आईं, जिसमें नदी विरासत स्थल की दीवारों तक पहुंचती दिख रही है. इसके चलते इंटरनेट यूजर्स यमुना की पहले और बाद की तस्वीरें शेयर करने लगे, जिसमें दिखाया गया है कि कैसे नदी कभी लाल किले की पिछली दीवार के पास बहती थी.

यूजर हर्ष वत्स ने ट्विटर पर बाढ़ में डूबे लाल किले के दृश्य और मुगल-युग की पेंटिंग (Mughal-era painting) की एक फोटो शेयर की, जिसमें दिखाया गया है कि सदियों पहले वही क्षेत्र दिखाई देता था, जब यमुना नदी प्राकृतिक रूप से बहती थी. ट्विटर यूजर ने पोस्ट के कैप्शन में लिखा, "एक नदी कभी नहीं भूलती! दशकों और सदियां बीत जाने के बाद भी, नदी अपनी सीमाओं पर फिर से कब्जा करने के लिए वापस आएगी. यमुना ने अपने बाढ़ क्षेत्र को पुनः प्राप्त कर लिया है."

एक अन्य यूजर ने इसी तरह की तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा, "प्रकृति हमेशा अपने रास्ते पर वापस आती है...#DelhiFloods2023 #Yamuna #RedFort."

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कई इंटरनेट यूजर्स ने बताया कि जिन क्षेत्रों में नदी का पानी घुस गया है, वे सदियों से यमुना के बाढ़ क्षेत्र हुआ करते थे और दशकों बाद भी उन्हें अपना रास्ता याद है.

एक तीसरे यूजर ने कहा, "नदी का लचीलापन अविस्मरणीय है! समय बीतने के साथ, दशकों और सदियों तक, यमुना अपने बाढ़ क्षेत्र को पुनः प्राप्त करने के लिए वापस आती है, जो हमें इसकी अदम्य शक्ति की याद दिलाती है."

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इस बीच, वर्तमान स्थिति पर वापस आते हुए, यमुना नदी रविवार से खतरे के निशान से ऊपर है और बुधवार को 207.49 मीटर के पिछले रिकॉर्ड को पार कर गई है. नदी का पानी राजघाट स्थित महात्मा गांधी के स्मारक में भी घुस गया, जिससे उसके लॉन और रास्ते जलमग्न हो गए. गुरुवार देर रात इंद्रप्रस्थ में दिल्ली सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के नियामक के क्षतिग्रस्त होने के बाद उफनती हुई यमुना का बाढ़ का पानी मध्य दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के प्रवेश द्वार तक भी पहुंच गया.

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राष्ट्रीय राजधानी के बाढ़ प्रभावित इलाकों में बचाव कार्यों के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की लगभग सोलह टीमों को तैनात किया गया है.
 

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