31 साल बाद मिला इस देश में दफन उल्लू, दिमाग घुमाकर रख देने वाली 12 पहेलियों को सुलझाने की थी शर्त, यहां मिला करोड़ों का गोल्ड

31 साल पहले एक देश में 'उल्लू' को दफन किया गया था, जिसको खोजने के लिए 1993 में एक प्रतियोगिता रखी गई थी. कहा गया था कि, जो भी इस उल्लू को खोजेगा, यह उसे ही मिलेगा.

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31 साल बाद पूरी हुई खोज, मिल गया इस देश में दफन उल्लू

France Golden Owl Statue: दुनिया की सबसे लंबी खजाने की खोज आखिरकार पूरी हो ही गई. बात है 31 साल पहले की, जब एक देश में 'उल्लू' को दफन किया गया था. इस उल्लू को खोजने के लिए 1993 में एक प्रतियोगिता रखी गई थी, जो आखिरकार खत्म हो ही गई. आपको जानकर हैरानी होगी कि इस उल्लू को खोजने के लिए लाखों प्रतिभागियों ने भाग लिया था. इस उल्लू की खोज को लेकर एक खास ऐलान भी किया गया था. कहा गया था कि, जो भी इस उल्लू को खोजेगा, यह उसे ही मिलेगा. अब आखिरकार 31 साल पहले फ्रांस में दफन की गई उल्लू की इस मूर्ति को खोज लिया गया है.

1993 में शुरू हुई थी प्रतियोगिता (french treasure hunt)

जानकारी के लिए बता दें कि, दुनियाभर के लाखों लोग 1993 के बाद से इस मायावी उल्लू की खोज कर रहे थे. तीन दशक पहले से फ्रांस में इस उल्लू को खोजने के लिए लोगों ने रात-दिन एक कर दिया. बता दें कि, इस खजाने को गोल्डन आउल कहा जाता है. हैरानी की बात तो ये है कि, इस उल्लू की खोज से जुड़ी एक किताब में प्रतिभागियों को 11 पहेलियां दी गई थीं. यही नहीं इसके बाद प्रतिभागियों को 12वीं छिपी पहेली को भी हल करना था. मैक्स वैलेन्टिन द्वारा शुरू की गई इस सीरीज को समझना बिल्कुल आसान नहीं था. दिमाग घुमाकर रख देने वाली इन पहेलियों की सीरीज को समझने के लिए हजारों लोगों ने अपने दिमाग के घोड़े दौड़ाए, ताकि वो किसी तरह उल्लू की कांस्य की मूर्ति तक पहुंच सकें. 

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1 करोड़ 38 लाख का उल्लू (31 year old treasure hunt)

मैक्स वैलेन्टिन ने उल्लू की कांस्य की इस मूर्ति को फ्रांस में कहीं दफना दिया था. खास बात ये है कि, इस रहस्य से जुड़े तमाम सुराग 1993 में प्रकाशित एक पुस्तक 'ऑन द ट्रेल ऑफ द गोल्डन आउल' में थे. बताया जा रहा है कि, यह कोई प्राकृतिक खजाना नहीं है, बल्कि इस खजाने को प्रतियोगिता के तहत खोजना था. 'ऑन द ट्रेल ऑफ द गोल्डन आउल' किताब के चित्रकार माइकल बेकर ने इसको लेकर एक पोस्ट की थी. उनके मुताबिक, गोल्डन उल्लू की प्रतिकृति को खोज लिया गया है. उन्होंने खुद इस बात की पुष्टि की है. खोज करने वाले को पुरस्कार के तौर पर सोने का उल्लू मिलना था, जिसकी कीमत 1 करोड़ 38 लाख रुपये बताई जा रही है. वहीं अब लोग उल्लू की खोज करने वाले के बारे में जानना चाहते हैं, लेकिन हैरानी की बात तो ये है कि, ना तो उल्लू की खोज करने वाले के बारे में कोई जानकारी दी गई है और ना ही उल्लू कहां दफन था इस बारे में कोई चर्चा हो रही है. खोज में जुटे प्रतिभागियों के बीच अब ये चर्चा जोरों में हैं.

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2009 में हुई वैलेन्टिन की मौत (World oldest treasure hunt ends)

बताया जा रहा है कि, सीरीज के आयोजक वैलेन्टिन का 2009 में निधन हो चुका है. उनके बाद इस प्रतियोगिता की जिम्मेदारी बेकर ने संभाली थी. खजाना ढूंढने के नियमों पर ध्यान दें तो आयोजकों का इस बात पर से पर्दा उठाना जरूरी है कि, इन 12 पहेलियों को किस तरह और किसने हल किया, लेकिन बावजूद इसके कोई जानकारी सामने नहीं आई. कहा जा रहा है कि, इस उल्लू के बारे में सिर्फ वैलेन्टिन को ही पता था. उनकी फैमिली ने इसका जवाब एक सीलबंद रिपोर्ट में दिया है.

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