टेक जापान के सीईओ को भारत से हुआ प्यार, बोले- 'पूरी दुनिया को इंडियन लीडरशिप की जरूरत', सुंदर पिचाई का दिया एग्जांपल

जापानी कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने अपने लिंक्डइन पोस्ट में लिखा कि, 'दुनिया को भारतीय नेतृत्व की जरूरत है और वह इस देश की विविधता से आश्चर्यचकित हैं.'

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बेंगलुरु आने के बाद टेक जापान के सीईओ Naotaka Nishiyama ने भारत के लिए कहीं ये बात.

भले ही टेक्नोलॉजी की रेस में जापान इंडिया से आगे दौड़ रहा हो, लेकिन इंडियंस के दिमाग और यहां के लीडरशिप की आज भी पूरी दुनिया कायल है. दरअसल, जापान टेक के सीईओ को भी भारत से प्यार हो गया है और उन्होंने कुछ इस अंदाज में इंडियन लीडरशिप की तारीफ की है कि, लोग उनकी तारीफ करते नहीं थक रहे हैं. अप्रैल में बेंगलुरु आने के बाद टेक जापान के संस्थापक और सीईओ नाओताका निशियामा (Naotaka Nishiyama) ने कहा, 'पूरे विश्व को भारतीय नेतृत्व की आवश्यकता है.'  उन्होंने भारत के 'विविधता से भरे माहौल' की सराहना करते हुए कहा कि, यह एक बड़ी योजना बनाकर आगे बढ़ने में मदद करता है. साथ ही यह बेहद मुश्किल हालातों को भी आसानी से सुलझाता है.' निशियामा ने भारत आने को अपने जीवन का 'निश्चित रूप से बड़ा और नया अध्याय' बताया.

'भारत की विविधता से आश्चर्यचकित है पूरी दुनिया'

जापानी कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने कहा कि, दुनिया को भारतीय नेतृत्व की जरूरत है और वह इस देश की विविधता से आश्चर्यचकित हैं. उन्होंने लिंक्डइन पर पोस्ट में लिखा है कि, 'विश्व को भारतीय नेतृत्व की आवश्यकता है. मुझे भारत आए एक महीना हो गया है और एक बार फिर मैं भारत में मूल्यों की विविधता से आश्चर्यचकित हूं. विभिन्न धर्मों, नस्लों और मूल्यों वाला एक बड़ा देश होने के बावजूद भारत एक देश है और यह एक चमत्कार है. यह नेतृत्व के बारे में सोचने का एक अच्छा अवसर है, क्योंकि भारत अभी चुनावी मौसम में है.'

विविध विचारों का लाभ उठाते हुए आपसी सहयोग

निशियामा ने भारत में सामूहिक प्रयास के महत्व पर भी चर्चा की, जो नए और विविध विचार लाने में मदद करता है. उन्होंने लिखा, 'समाजवादी और सैन्य संगठनों से संचालित देशों में पारंपरिक टॉप टू डाउन दृष्टिकोण का ज्यादा असर रहा है. हालांकि, आज के अस्थिर और अनिश्चित समाज में, विविध विचारों का फायदा उठाते हुए आपसी सहयोग के तरीके से आगे बढ़ना जरूरी है.' उन्होंने कहा कि, जापान में इससे अलग माहौल है.

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जापान और भारत के बीच कामकाजी ढांचे की तुलना

सीईओ ने जापान और भारत के बीच कामकाजी ढांचे की भी तुलना की. उन्होंने कहा, 'जापान में प्रबंधन का अर्थ अन्य लोगों को उनके सोचने के तरीके में बंद करना और उन्हें नियंत्रित करना है. वहीं, भारत एक बड़ा देश है, जिसमें पड़ोसी देशों के साथ मुद्दे हैं, स्वतंत्रता का इतिहास है और विभिन्न प्रकार के धर्म, नस्लें और मूल्य हैं. भारत को केवल मूल्यों से जुड़े एक समूह तक सीमित रखने की कोशिश काम नहीं करेगी.'

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सुंदर पिचाई और सत्या नडेला की मिसाल

निशियामा ने गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई और माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला की मिसाल देते हुए जोर देकर कहा कि, 'भारत वैश्विक माहौल में नेतृत्व करने में सक्षम है और देश प्रतिस्पर्धा और सहयोग दोनों का उदाहरण है.' उन्होंने आगे लिखा, 'मूल्यों और शक्ति संतुलन के विविध मिश्रण के साथ दुनिया एक अराजक जगह है. ऐसे में निश्चित रूप से भारत ही है जो इसे आगे बढ़ा सकता है, क्योंकि भारत पहले से ही घरेलू स्तर पर ऐसी बहुत सी चीजों का अनुभव कर चुका है. व्यापार क्षेत्र में, ना तो सुंदर पिचाई और ना ही सत्या नडेला दूसरी पीढ़ी के अमेरिकी हैं. वे भारत में पैदा हुए, भारत में शिक्षित हुए और फिर स्नातक के लिए अमेरिका चले गए, क्योंकि भारत प्रतिस्पर्धा और सहयोग दोनों का प्रतीक है और यह विश्व का नेतृत्व करने में सक्षम है.'

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पोस्ट के समर्थन में उतरे लिंक्डइन यूजर्स

पोस्ट को पूरा करते हुए निशियामा ने कहा कि, वह भारतीय नेतृत्व से सीखेंगे और इसे अपने संगठन में लागू करेंगे. उन्होंने एक ऑटो-रिक्शा के साथ अपनी एक तस्वीर भी साझा की, जिस पर लिखा था, 'दुनिया को भारतीय नेतृत्व की जरूरत है.' शेयर किए जाने के बाद से उनकी पोस्ट को नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म लिंक्डइन पर बहुत सारी प्रतिक्रियाएं मिली हैं. एक यूजर ने कहा, 'भारतीयों को अराजकता, भ्रम, बाधाओं और बदलाव में व्यवस्था ढूंढने की आदत है.' दूसरे यूजर ने लिखा, 'ऐसी कई तकनीकें हैं जिन्हें भारतीय और जापानी एक-दूसरे से सीख सकते हैं और जीत की स्थिति बना सकते हैं.'

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