रजिस्ट्रार ऑफिस में नहीं थी लिफ्ट, शादी करने पहुंची दिव्यांग महिला को चढ़नी पड़ी सीढ़ी, नीचे नहीं आ सके अधिकारी

वह 16 अक्टूबर को मुंबई के खार में रजिस्ट्रार ऑफिस में शादी करने गई थी, लेकिन ऑफिस दूसरी मंजिल पर था, जहां विकलांग लोगों के लिए कोई पहुंच नहीं थी. लिफ्ट न होने से उन्हें ऊपर जाने में काफी मुश्किल हुई.

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जिस्ट्रार ऑफिस में नहीं थी लिफ्ट, शादी करने पहुंची दिव्यांग महिला को चढ़नी पड़ी सीढ़ी

विकलांगता अधिकार कार्यकर्ता और भारत की पहली व्हीलचेयर यूज करने वाली मॉडल विराली मोदी ने बुधवार को मुंबई में एक रजिस्ट्रार ऑफिस में अपने बेहद निराशाजनक अनुभव को एक्स (ट्विटर) पर शेयर किया. सोशल मीडिया पर उन्होंने बताया कि वह 16 अक्टूबर को मुंबई के खार में रजिस्ट्रार ऑफिस में शादी करने गई थी, लेकिन ऑफिस दूसरी मंजिल पर था, जहां विकलांग लोगों के लिए कोई पहुंच नहीं थी. लिफ्ट मौजूद नहीं होने वजह से उन्हें ऊपर जाने में काफी मुश्किल हुई. उन्होंने बताया कि सीढ़ियां भी खड़ी थीं और रेलिंग ढीली और जंग लगी हुई थी और वहां उनकी मदद के लिए भी कोई नहीं था.

विराली ने अपने ट्वीट में लिखा था, 'कृपया आरटी करें! मैं विकलांग हूं और मेरी शादी 16/10/23 को खार मुंबई में रजिस्ट्रार कार्यालय में हुई. कार्यालय बिना लिफ्ट के दूसरी मंजिल पर था. वे हस्ताक्षर के लिए नीचे नहीं आए और मुझे शादी करने के लिए दो मंजिल की सीढ़ियों से ऊपर ले जाना पड़ा.' इसके साथ विराली ने अपनी शादी के जोड़े में हाथ मैरेज सर्टिफिकेट पकड़े हुए अपनी तस्वीर भी शेयर की.

विराली ने आगे लिखा, 'यह कैसे उचित है? सुगम्य भारत अभियान का क्या हुआ? सिर्फ इसलिए कि मैं व्हीलचेयर यूजर हूं, क्या मुझे उस व्यक्ति से शादी करने का अधिकार नहीं है जिसे मैं प्यार करती हूं? अगर कोई फिसल गया होता तो क्या होता और अगर मैं अपनी शादी के दिन गिर जाती तो क्या होता? कौन जिम्मेदार है?'

उन्होंने कहा कि वह इस बात से निराश हैं कि उनके देश की सरकार और नागरिक उनकी विकलांगता को समायोजित करने में असमर्थ हैं. 'इस घटना से मानवता में मेरा विश्वास नष्ट हो गया है. मैं कोई सामान नहीं हूं जिसे दो मंजिल तक ले जाना पड़े. उन्होंने कहा, 'मैं एक इंसान हूं और मेरे अधिकार मायने रखते हैं.'

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विराली ने आगे कहा कि उनके देश को उनकी और अन्य विकलांग नागरिकों की जरूरतों को पूरा करना चाहिए. 'यह बेहद अनुचित, अभूतपूर्व और अप्रत्याशित है. मेरे अधिकार मायने रखते हैं! यह एक सरकारी इमारत थी और इस देश को चलाने के प्रभारी लोगों को आगे बढ़कर नेतृत्व करना चाहिए'.

उनके वायरल ट्वीट ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का ध्यान खींचा, जिन्होंने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से संज्ञान लेंगे और सुधारात्मक और उचित कार्रवाई करेंगे. फड़नवीस ने लिखा, 'सबसे पहले नई शुरुआत के लिए बहुत-बहुत बधाई और मैं आप दोनों के सुखी और सुंदर वैवाहिक जीवन की कामना करता हूं! साथ ही, आपको हुई असुविधा के लिए मुझे वास्तव में खेद है. उन्होंने लिखा, 'मैंने व्यक्तिगत रूप से संज्ञान लिया है और सुधारात्मक एवं उचित कार्रवाई करूंगा.'

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शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी लिखा, 'रजिस्ट्रार कार्यालय द्वारा यह बिल्कुल शर्मनाक है. इसे जरूर उठाएंगे.'

यूजर्स ने ऐसे किया रिएक्ट

इंटरनेट पर भी कई लोगों ने उनके प्रति सहानुभूति व्यक्त की और विकलांग लोगों के लिए जरूरी सुविधाओं और सेवाओं के महत्व पर प्रकाश डाला. एक यूजर ने लिखा, आपकी शादी पर बधाई! अपने विशेष दिन पर आपको जिस कठिन परीक्षा से गुजरना पड़ा, उसके बारे में सुनना बेहद भयावह और दुखद है. मैं यह सुनिश्चित करने के लिए व्यक्तिगत रूप से इस पर गौर करने के लिए प्रतिबद्ध हूं कि भविष्य में किसी और को इसका सामना न करना पड़े. एक अन्य ने कहा, हमारे सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को कुल मिलाकर विकलांगों के लिए अधिक अनुकूल होने की जरूरत है.

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