बस और ट्रक से लेकर ऑटो रिक्शा (Auto Rickshaw) तक के पीछे कई बार लोगों का ध्यान खींचने वाली चीजें लिखी होती हैं. कभी तो यू हीं मजाक-मस्ती के हिसाब से फनी लाइंस लिखी होती है तो कभी संदेश इतना गंभीर होता है कि पढ़ने के बाद रुक कर उस विषय पर सोचने के लिए मजबूर हो जाएं. इन दिनों सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर बेंगलुरु (Bengaluru) के एक टैक्सी के पीछे लिखी लाइनें लोगों का ध्यान खींच रही है. ऑटो रिक्शा के पीछे लिखे इस स्लोगन ने लैंगिक समानता और महिलाओं के सम्मान को लेकर सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है.
इस स्लोगन से छिड़ी बहस
रिटायर्ड स्पोर्ट्स फैन नाम के एक्स अकाउंट से ऑटो रिक्शा के पीछे लिखे स्लोगन की तस्वीर शेयर की गई है. तस्वीर शेयर करते हुए यूजर ने लिखा, "बेंगलुरु की सड़कों पर कुछ ." ऑटो रिक्शा की वायरल हो रही तस्वीर में दिख रहा स्लोगन कुछ इस तरह है कि पतली हो या मोटी, काली हो या गोरी और वर्जिन हो या नहीं सभी लड़कियों को सम्मान मिलना चाहिए. इस स्लोगन ने सोशल मीडिया पर नारी सम्मान और लैंगिक समानता को लेकर बहस छेड़ दी है. कई यूजर्स स्लोगन को पढ़ने के बाद तारीफ कर रहे हैं तो वहीं कुछ लोग इसे अलग नजरिए से देखते हुए इसे विवादास्पद करार दे रहे हैं.
लोगों ने दी मिली-जुली प्रतिक्रिया
बेंगलुरु के ऑटो रिक्शा के पीछे लिखे स्लोगन से जुड़े एक्स पोस्ट पर सोशल मीडिया यूजर्स की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही है. कुछ लोग स्लोगन और इसके पीछे की सोच की तारीफ कर रहे हैं तो वहीं कुछ इस पर आपत्ति जता रहे हैं. इस एक्स पोस्ट को अब तक 88.9 हजार बार देखा जा चुका है और 5.6 हजार यूजर्स ने पोस्ट को लाइक किया है. पोस्ट पर कमेंट करते हुए एक यूजर ने लिखा, "यह रेडिकल फेमेनिज्म नहीं है. हां, मैं इस बात से सहमत हूं कि वर्जिन या नॉट वर्जिन की जगह विवाहित या अविवाहित लिखा जा सकता था. कम से कम ड्राइवर तो महिलाओं का सम्मान कर रहा है." दूसरे यूजर ने लिखा, "यह कहना कितना मुश्किल है कि सभी लड़कियां सम्मान की पात्र हैं?"