क्या भगवान सच में होते हैं? US के एक हाई स्कूल असाइनमेंट में भगवान की वास्तविकता को लेकर किए गए सवाल, भड़के नेटिजन्स

ईश्वर में आस्था रखने वालों को हाई स्कूल के असाइनमेंट का एक सवाल नागवार गुजरा, जिस वजह से इस विषय पर तीखी बहस शुरू हो गई.

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क्लास में टीचर जो पढ़ाते हैं, उसके अलावा बच्चों को असाइनमेंट के जरिए भी काफी कुछ सीखने का मौका मिलता है. बच्चों में क्रिएटिविटी और समझ पैदा करने के लिए स्कूलों में विभिन्न टॉपिक्स पर असाइनमेंट टास्क दिया जाता है, लेकिन यूएस के एक हाई स्कूल के असाइनमेंट ने इंटरनेट पर बवाल मचा दिया है. असाइनमेंट में ईश्वर की वास्तविकता को लेकर पूछे गए सवाल की वजह से कई लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हो गई है. ईश्वर में आस्था रखने वालों को हाई स्कूल के असाइनमेंट का सवाल नागवार गुजरा, जिस वजह से इस विषय पर तीखी बहस शुरू हो गई है.

'क्या ईश्वर वास्तविक है?' (us high school assignment)

अमेरिकी राज्य ओक्लाहोमा में हाई स्कूल के छात्रों को दिए गए असाइनमेंट के सवालों की तस्वीर फेसबुक पोस्ट के जरिए एक बच्चे की मां ने शेयर किया है. महिला के पोस्ट शेयर करते ही असाइनमेंट में पूछे गए सवालों पर विवाद शुरू हो गया. 'दुनिया की शुरुआत कैसे हुई?' टाइटल वाले असाइनमेंट में पूछा गया है कि, क्या ईश्वर वास्तविक है? ओलिविया ग्रे नाम की फेसबुक यूजर ने स्कीटूक पब्लिक स्कूल के शिक्षक द्वारा अपनी बेटी नेटी को दिए गए विश्व इतिहास के असाइनमेंट की तस्वीर शेयर की है. असाइनमेंट में यह भी पूछा गया है कि, "क्या शैतान असली है? छात्रों से अपने उत्तरों का समर्थन करने के लिए एपीए शैली का उपयोग करके स्रोत प्रदान करने के लिए कहा गया है.

असाइनमेंट में पूछे गए सवालों की तस्वीर शेयर करते हुए ओलिविया ग्रे ने पोस्ट में लिखा, "यह ओक्लाहोमा की हाई स्कूल कक्षा के लिए एक वास्तविक असाइनमेंट है. यह विश्व इतिहास कक्षा के लिए नेटी के असाइनमेंट में से एक है. इसे रिसर्च पेपर कहा जा रहा है. कुल मिलाकर यह कुछ 'पागलपन' भरी बकवास है और तकनीकी स्तर पर भी."

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यहां देखें पोस्ट
असाइनमेंट के सवालों पर फूटा यूजर्स का गुस्सा (high school assignment on god)

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अमेरिकी हाई स्कूल के असाइनमेंट के सवालों को देख कर कई यूजर्स का गुस्सा फूट पड़ा है. कई यूजर्स ने प्रश्नों को दस से ज्यादा स्तर पर गलत बताया. पोस्ट पर कमेंट करते हुए एक यूजर ने लिखा, "मैं स्तब्ध और भयभीत हूं कि संयुक्त राज्य अमेरिका के एक पब्लिक स्कूल में छात्रों पर इस तरह अपने निजी धर्म/धार्मिक पूर्वाग्रह को थोपने या प्रचार करने की अनुमति दी जा रही है. यह पहले संशोधन का स्पष्ट उल्लंघन है."

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