रेलवे पटरी पर जन्म, दो घंटे रुकी ट्रेन, हथिनी ने रेलवे ट्रैक पर दिया बच्चे को जन्म, इंसानियत की मिसाल बना रेलवे

एक ट्रेन को तकरीबन 2 घंटे तक रोके रखा गया, ताकि एक जंगली हथिनी अपने बच्चे को रेलवे ट्रैक पर सुरक्षित जन्म दे सके. इस खूबसूरत पल को केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने खुद अपने सोशल मीडिया अकाउंट से शेयर किया है.

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झारखंड में दो घंटे रुकी रही ट्रेन, हाथी ने रेलवे ट्रैक पर दिया बच्चे को जन्म, देखें इमोशनल कर देने वाला Video

Jharkhand elephant viral video: झारखंड से एक दिल को छू लेने वाला मामला सामने आया है, जिसने सोशल मीडिया पर लाखों लोगों का दिल जीत लिया. दरअसल, एक ट्रेन को तकरीबन दो घंटे तक रोके रखा गया, ताकि एक जंगली हथिनी अपने बच्चे को रेलवे ट्रैक (Train stops for elephant) पर सुरक्षित जन्म दे सके. यह घटना कैमरे में कैद हुई, जिसमें हथिनी को अपने नवजात बच्चे के साथ ट्रैक से सुरक्षित निकलते हुए देखा गया.

यहां देखें वीडियो

Beyond the news of human-animal conflicts, happy to share this example of human-animal harmonious existence.

A train in Jharkhand waited for two hours as an elephant delivered her calf. The 📹 shows how the two later walked on happily.

Following a whole-of government approach,… pic.twitter.com/BloyChwHq0

— Bhupender Yadav (@byadavbjp) July 9, 2025

इस खूबसूरत पल को केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने खुद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर शेयर किया. उन्होंने इस घटना को 'संवेदनशीलता की जीवंत मिसाल' बताते हुए लिखा, जहां आमतौर पर हमें इंसान और वन्यजीव संघर्ष (Elephant gives birth on railway track) की खबरें सुनने को मिलती हैं, वहीं यह दृश्य मानवीय करुणा और वन्यजीवों के साथ सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व का बेहतरीन उदाहरण है.

वन विभाग की सराहना (haathi ne diya bachhe ko janm)

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने झारखंड के वन विभाग और रेल अधिकारियों की सराहना करते हुए कहा कि, उनकी संवेदनशीलता और त्वरित कार्रवाई ने न सिर्फ हथिनी और उसके बच्चे की जान बचाई, बल्कि एक खूबसूरत मिसाल भी पेश की. उन्होंने यह भी कहा कि यह दिखाता है कि जब इंसान और जानवरों के बीच समझदारी होती है, तो ऐसे अद्भुत नतीजे सामने आते हैं.

3,500 किमी ट्रैक का सर्वे, 110 सेंसेटिव ज़ोन चिह्नित (train ruk gayi haathi ke liye)

मंत्री ने आगे बताया कि पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) और रेलवे मंत्रालय मिलकर 3,500 किलोमीटर लंबी रेलवे पटरियों का सर्वे कर चुके हैं. इस सर्वे के बाद 110 से ज्यादा ऐसे ज़ोन की पहचान की गई है, जो वन्यजीवों के लिहाज से संवेदनशील माने गए हैं. इसका मकसद यह है कि भविष्य में जंगलों से गुजरने वाली ट्रेनों के दौरान वन्यजीवों को कोई नुकसान न पहुंचे.

यह घटना एक महत्वपूर्ण संदेश (haathi ka emotional video) देती है कि, प्रकृति और इंसान के बीच तालमेल संभव है, अगर संवेदनशीलता और समझदारी से काम लिया जाए. सोशल मीडिया पर इस वीडियो को लाखों लोग देख चुके हैं और हथिनी के मातृत्व और रेलवे अधिकारियों की मानवीयता की जमकर तारीफ कर रहे हैं.

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