हाल ही में एक शख्स द्वारा सोशल मीडिया पोस्ट में बताया गया कि कैसे भुज-शालीमार एक्सप्रेस (Bhuj-Shalimar Express) के स्लीपर कोच में बिना टिकट यात्रियों की भीड़ ने उसकी यात्रा को असुविधाजनक बना दिया. एक्स पर पोस्ट में, यूजर ने कोच S5 पर अपना अप्रिय अनुभव साझा किया, जो बिना टिकट यात्रियों से भरा हुआ था.
पोस्ट में यूजर ने बताया कि यह समस्या ट्रेन के अहमदाबाद जंक्शन से रवाना होने के बाद शुरू हुई. यूजर ने बताया कि कैसे उनके परिवार को बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ा क्योंकि बिना टिकट वाले लोगों ने उनकी आरक्षित सीटों पर कब्जा कर लिया और गलियारों में भीड़ लगा दी, जिससे उनके लिए बैठने की जगह ढूंढना मुश्किल हो गया.
इसके बाद यूजर ने अपने पोस्ट में अश्विनी वैष्णव और भारतीय रेलवे को टैग करते हुए मदद की गुहार लगाई. यूजर ने स्थिति को सुलझाने में सहायता मांगी.
भारतीय रेलवे के आधिकारिक ग्राहक सेवा खाते, रेलवे सेवा ने पोस्ट को स्वीकार करते हुए संकेत दिया कि इस मुद्दे को संबोधित करने और यात्रियों की सुरक्षा और आराम सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाएंगे.
हालांकि, लोग आश्वस्त नहीं थे. पोस्ट को 1.3 मिलियन से अधिक बार देखे जाने के साथ, कई लोगों ने बताया कि ऐसे बिना टिकट यात्रियों द्वारा सीटों पर जबरदस्ती दावा करने की घटनाओं की संख्या में वृद्धि हुई है. मामला केवल स्लीपर कोचों तक ही सीमित नहीं है और एसी डिब्बों के यात्रियों द्वारा भी ऐसी घटनाएं दर्ज की गईं और साझा की गईं.
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