Elephant Dung Dessert: शंघाई में एक ऐसा रेस्तरां खुला है जो खाने को सिर्फ स्वाद का नहीं, बल्कि सोच का एक्सपीरिएंस मानता है. यहां खाना सिर्फ पेट भरने के लिए नहीं परोसा जाता, बल्कि हर व्यंजन एक कहानी कहता है, एक मैसेज देता है. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक, लेकिन जब इस रेस्तरां ने अपने मेनू में हाथी के गोबर से बनी मिठाई को शामिल किया, तब यह एक्सपेरिमेंट सुर्खियों में आ गया. कुछ लोगों ने इसे नायाब कहा तो कुछ ने सिर पकड़ लिया. आइए जानें क्या और कैसी है ये मिठाई.
हाथी के गोबर से बनाई मिठाई (Elephant Dung Dessert)
जंगल थीम पर रखा नाम
यह रेस्तरां रेन फॉरेस्ट की थीम पर बेस्ड है, जहां हर डिश जंगल, जानवरों और नेचर से जुड़ा है. मेनू का नाम भी बड़ा इंट्रेस्टिंग है - ‘Ecological fusion cuisine'. यानी एक ऐसा फूड जो नेचर और इंसान के बीच की दूरी को मिटाने की कोशिश करता है.
बड़ी अनोखी है यहां की रस्में
रेस्तरां की यह थीम सिर्फ सजावट या खाने के नामों तक सीमित नहीं है. यहां का एक्सपीरिएंस कुछ ऐसा है जो आम होटल या रेस्टोरेंट से अलग है. खाना खाने से पहले मेहमानों को एक छोटे गमले से पत्ता तोड़ना होता है, उसे सॉस में डुबोकर कच्चा खाना होता है. फिर बर्फ के टुकड़ों पर शहद और फूलों के रस को चाटने जैसी रस्में होती हैं.
हाथी के गोबर की मिठाई
लेकिन जिस चीज ने लोगों का सबसे ज़्यादा ध्यान खींचा, वो है मिठाई - जिसका नाम है हाथी के गोबर में डाले गए फूल (Flowers Inserted into Elephant Dung). यह मिठाई हाथी के निष्फल गोबर को साफ़ करके, खास प्रोसेस से तैयार की जाती है. इसमें एक कुरकुरी परत होती है, जिस पर फूलों का रस, शहद, सेंट और पराग डाला जाता है.
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ऐसे बनाते हैं ये मिठाई
गोबर को पहले अच्छी तरह साफ़ किया जाता है, उसमें से पौधे के रेशे निकाले जाते हैं जो कि आमतौर पर कागज बनाने में काम आते हैं. फिर उसे उबाल कर और बैक्टीरिया फ्री करके इस मिठाई के लिए इस्तेमाल किया जाता है. यानी इसमें कोई गंदगी या हानिकारक तत्व नहीं होते. रेस्तरां का दावा है कि यह पूरी प्रोसेस सेफ है और खाने के लायक है, लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या यह चीन के फूड सेफ्टी रेगुलेशन के तहत आता है या नहीं? इस पर अभी तक कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला है.
ये भी करना पड़ता है गेस्ट को
यह एक्सपीरिएंस सिर्फ खाने तक ही सीमित नहीं रहता. मिठाई परोसने से पहले मेहमानों को एक छोटी सी सीढ़ी चढ़नी पड़ती है. ऊपर जाकर वे अपनी पसंद की खुशबू और स्वाद चुनते हैं, जो फिर उनकी मिठाई में मिलाया जाता है. यानी हर मिठाई एकदम खास और अलग होती है. यह रेस्टोरेंट, जो खुद को पर्यावरण के प्रति अवेयर फूड प्लेस के रूप में प्रेसेंट करता है, 3,888 युआन (45,900 रुपये) की कीमत में 15-कोर्स भोजन प्रदान करता है.
कैसे हुआ वायरल
इस रेस्तरां की कहानी तब वायरल हुई जब एक मशहूर फूड ब्लॉगर ने अपने एक्सपीरिएंस को सोशल मीडिया पर शेयर किया. उनके पास 4 लाख से ज्यादा फॉलोअर हैं और उन्होंने लिखा कि “शंघाई का यह नया रेस्तरां पागलपन की सारी सीमाएं तोड़ चुका है”. ये पोस्ट उन्होंने 7 अप्रैल को अपलोड की थी.
-लोगों की राय इस एक्सपेरिमेंट को लेकर अलग-अलग है. कुछ ने कहा कि यह कला का रूप है, जहां खाना और सोचना आपस में मिलते हैं. तो वहीं कई लोगों ने इसे घिनौना, बनावटी और अमीरों की अजीब शौक़ परस्ती बताया.
-एक यूज़र ने लिखा, “मैं युन्नान से हूं और हम वहां भी ऐसा नहीं खाते. यह देखकर झटका लगा.” वहीं दूसरे ने कहा, “यह कोई सामान्य रेस्तरां नहीं है, बल्कि एक एक्सपेरिमेंटशाला है जहां फूड को नए नजरिए से देखा जा रहा है.”
क्या यह फ्यूचर की झलक है?
इस तरह का एक्सपेरिमेंट यह दिखाता है कि खाने की दुनिया अब स्वाद और परंपरा से आगे निकल चुकी है. अब लोग खाने को एक एक्सपीरिएंस मानते हैं, एक ऐसा मौका जहां वे सोच सकते हैं, महसूस कर सकते हैं और कुछ नया आजमा सकते हैं.
चर्चा में है ये रेस्तरां
यह रेस्तरां भले ही सभी को पसंद न आए, लेकिन यह चर्चा में जरूर आ गया है - क्या हम भविष्य में ऐसा खाना खाएंगे जो केवल पेट नहीं भरता, बल्कि दिमाग को भी चैलेंज देता है? शायद जवाब समय देगा, लेकिन इतना तय है कि यह मिठाई लोगों के मन से इतनी जल्दी नहीं निकलेगी - चाहे वजह कुछ भी हो.