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1969 में पेरिस से भेजा गया था पोस्टकार्ड, 2023 में पते पर पहुंचा, लग गए 54 साल

इसे मूल रूप से 15 मार्च, 1969 को पेरिस से पोस्ट किया गया था, हालांकि इसे अपने गंतव्य तक पहुंचने में 54 साल लग गए!

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1969 में पेरिस से भेजा गया था पोस्टकार्ड, 2023 में पते पर पहुंचा, लग गए 54 साल

आज के दौर में पत्र या पोस्टकार्ड भेजना शायद कोई आम बात नहीं होगी. लेकिन, वर्षों पहले, यह संचार के सबसे प्रमुख तरीकों में से एक था. दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से लोग एक-दूसरे को पोस्टकार्ड भेजते थे. कभी-कभी, उन्हें समय पर डिलीवरी मिल जाती थी. कई बार पहुंचने में काफी देरी भी हो जाती थी. और इस मामले में तो इस पते तक पहुंचने में 54 साल लग गए. लेकिन, कहानी यहीं ख़त्म नहीं होती.

फेसबुक यूजर जेसिका मीन्स ने शेयर किया, “इस रहस्य को सुलझाने में मेरी मदद करें! कृपया दोबारा पोस्ट/शेयर करें. मुझे यह जानना अच्छा लगेगा कि कैसे इसने दशकों तक घर-घर तक अपनी पहुंच बनाई. हो सकता है कि आपको या आपके किसी जानने वाले के पास कोई सुराग हो कि 2023 में टालहासी से इसे किसने मेल किया होगा!''

उन्होंने आगे कहा, “यह पोस्टकार्ड आज मेल से आया, जिसका नाम था: 'मिस्टर एंड मिसेज रेने गगनन या वर्तमान निवासी.' इसे मूल रूप से 15 मार्च, 1969 को पेरिस से पोस्ट किया गया था, हालांकि इसे अपने गंतव्य तक पहुंचने में 54 साल लग गए! इस पर ताल्हासी, फ्लोरिडा का 12 जुलाई 2023 का नया पोस्टमार्क है. स्पष्ट रूप से, 'या वर्तमान निवासी' और नया डाक टिकट जानबूझकर बनाया गया था तो यह पेरिस से तल्हासी से मेन तक कैसे पहुंचा?!

पोस्टकार्ड में क्या लिखा है?

यानी पोस्टकार्ड का कंटेंट फेसबुक पर शेयर किया. इसमें लिखा था, “प्रिय लोगों, जब तक आप इसे प्राप्त करेंगे, तब तक मैं घर आ चुका होऊंगा, लेकिन इसे टूर एफिल से भेजना उचित लगता है, जहां मैं अभी हूं. ज्यादा देखने का मौका तो नहीं लेकिन मजा आ रहा है.”

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