इस साल की शुरुआत में आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) पुलिस में अपनी बेटी को सलाम करते हुए, जो अब उसी विभाग में एक अधिकारी के पद पर नियुक्त है, एक दिल जीत वाली तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी. अब जेसी प्रशांति (Jessy Prasanthi) ने ह्यूमन ऑफ बॉम्बे (Humans of Bombay) के साथ एक साक्षात्कार में वायरल फोटो के बारे में बात की है. जिन्होंने अपने पिता को भी सलाम किया था.
प्रशांति, जो वर्तमान में गुंटूर जिले के पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) के रूप में तैनात हैं, कहती हैं ,"पिताजी हमेशा मेरे हीरो रहे हैं." उनके पिता सर्किल इंस्पेक्टर वाई श्याम सुंदर (Circle Inspector Y Shyam Sundar) हैं.
सुश्री प्रशांति कहती है, जब वह छोटी बच्ची थीं तो वह एक बार अपने पिता के साथ गश्त के लिए गई थी और लोगों को उसे सलामी देते हुए देखा था. उस दिन के बाद से वह उन्हें हर सुबह सलाम करने लगीं. लेकिन, जब वह बड़ी हो गई तब उन्हें एहसास हुआ कि उनके पिता हर रोज कितना जोखिम उठाते हैं.
वह कहती हैं, "उनकी रातों की नींद हराम हो गई थी और अपने कर्तव्य के लिए कई बबार तो वह खाना भी खाना भूल जाती थीं." वह कहती हैं, कि उनके पिता ने दूरस्थ स्थानों से काम करने और अनियमित कई घंटों तक लगातार काम करने के बावजूद कभी शिकायत नहीं की.
बेटी ने बताया, "वर्षों से उनकी प्रेरणा शक्ति मेरी हो गई," जेसी प्रसांति ने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी और 2018 में उनका चयन हो गया. उन्होंने डीएसपी का पदभार संभाला और वह कहती हैं, कि पुलिस की वर्दी में उन्हें देखकर उनके पिता की आंखों में आंसू आ गए.
हालाँकि, प्रशांति के लिए, सच्ची मान्यता का क्षण तब आया जब वह अपने पिता के साथ ड्यूटी पर थी.
"मैं प्रभारी अधिकारी थी. जब वह स्थान पर पहुंचे, तो मैं पहले से ही वहां थी, पुलिस गश्त के माध्यम से अपना काम कर रही थी. वह कहती है, मुझे नहीं पता कि यह क्या था; शायद वह मुझे पहली बार ड्यूटी के दौरान देख रहे थे, लेकिन काम के बीच ही उन्होंने खड़े होकर मुझे सलाम किया. "
अपनी बेटी को सलाम करते पिता की इस तस्वीर ने सोशल मीडिया पर लोगों का दिल जीत लिया. आंध्र प्रदेश पुलिस ने भी पिता-बेटी की जोड़ी की सराहना की और आधिकारिक पुलिस विभाग के ट्विटर हैंडल से तस्वीर शेयर की.
प्रशांती कहती हैं, "जबसे मैं बल में शामिल हुई 2 साल हो गए हैं, और यह आसान नहीं है. पहले पिताजी थे, लेकिन अब मैं अपने मेरे परिवार से दूर रहने वाली हूं." "फिर भी, मैं रोज़ काम पर जाने और देश की सेवा करने के लिए उठती हूँ. मैं रोज़ जागती हूँ एक अच्छी पुलिस वाली बनने और अपनी वर्दी से सही काम करने के लिए."