अग्निवीर में शामिल होने वाले प्रिंस ने कहा- आख़िरी सांस तक देश की सेवा करूंगा, वर्दी का मान रखूंगा

प्रिस की कहानी सबके लिए प्रेरणा से कम नहीं है. कम सुविधाएं होने के बावजूद प्रिंस देश के लिए सेना में बर्ती होना चाहते हैं. प्रिंस ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा- मेरा सपना था कि मैं भारतीय सेना में शामिल हो जाऊं. इसके लिए मैंने बहुत ही ज्यादा मेहनत की है.

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प्रिंस की कहानी सबसे अलग है, माता-पिता को बहुत सम्मान करते हैं.

इन दिनों यूपी के मुजफ्फरनगर में तरकरीबन 13 जिलों के युवा अग्नीवर की परीक्षा देने के लिए स्टेडियम में पहुंच रहे हैं.हालांकि प्रशासन ने इन युवाओं के कुछ जगहों पर व्यवस्थाएं भी की हैं लेकिन हजारों की संख्या में लड़के आ रहे हैं जिस वजह से इन्हें इस परीक्षा के लिए पार्क और सड़क तक बैठने या सोने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. एनडीटीवी से बातचीत के दौरान प्रिंस नाम एक प्रतिभागी ने बताया कि उनका बचपन से सपना था वो देश सेवा के लिए सेना में जाएं. अब जब उम्र हुई है मैं चाहता हूं कि सेना में जरूर जाऊं और देश की सेवा करूं. प्रिंस के पिता मजदूर हैं.

प्रिस की कहानी सबके लिए प्रेरणा से कम नहीं है. कम सुविधाएं होने के बावजूद प्रिंस देश के लिए सेना में बर्ती होना चाहते हैं. प्रिंस ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा- मेरा सपना था कि मैं भारतीय सेना में शामिल हो जाऊं. इसके लिए मैंने बहुत ही ज्यादा मेहनत की है. इंडियन आर्मी की तैयारी करने के दौरान मुझे कई समस्याओं का सामना करना पड़ा, मगर मेरे माता-पिता ने मेरी बहुत ही मदद की. वो दोनों मेरे आदर्श हैं. तमाम बाधाओं के बीच मुझे इंडियन आर्मी पसंद है.

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देशभर में 40 हजार से ज्यादा अग्निवीरों का भर्ती अभियान चल रहा है. पश्चिमी उप्र के 13 जिलों के अग्निवीरों की भर्ती के लिए हजारों युवा रोज मुजफ्फरनगर में जुट रहे हैं. यह भर्ती 10 अक्टूबर तक चलेगी. यहां अग्निवीरों को कई तरह के समस्याओं से गुजरना पड़ रहा है. लेकिन बाबजूद इसके युवओं देश सेवा का जूनून देखने को मिल रहा है.

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मुजफ्फरनगर के चौधरी चरण सिंह स्टेडियम में रात 1 बजे इनको परीक्षा के लिए अंदर भेजा जाता है. लेकिन शाम 6 बजे से ही कतार लगनी शुरु हो जाती है. सुबह 7 बजे इनकी दौड़ शुरु होती है. 1600 मीटर दौड़ को सबसे कम वक्त में पूरा करने वालों को रोक लिया जाता है. बाकी हजारों लड़कों को बाहर भेज दिया जाता है.

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