रात में 11 बजे टॉयलेट जाने पर छात्र को मिली ऐसी सजा, सुनकर खड़े हो जाएंगे कान, बोर्डिंग स्कूल से सामने आया चौंकाने वाला मामला

चीन के एक बोर्डिंग स्कूल से एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है, यहां एक छात्र को इस लिए सजा दी गई, क्योंकि वह रात में 10.45 के बाद टॉयलेट चला गया.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
छात्र को टॉयलेट इस्तेमाल करने की मिली सजा, लिखना पड़ा माफीनामा

1000 Photocopies Of Self-Reflection Letter: चीन के एक बोर्डिंग स्कूल में रात में टॉयलेट का इस्तेमाल करने पर एक छात्र को सजा सुनाने का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जिससे स्कूल के कर्मचारियों की कड़ी आलोचना हो रही है. स्कूल में कर्फ्यू के 15 मिनट बाद रात 11:00 बजे टॉयलेट जाने वाले छात्र को पकड़ लिया गया और उसे फटकार लगाई गई. इस घटना को कई लोगों ने 'जेल' जैसा माहौल बताया है, जिससे लोगों में गुस्सा भड़क गया है.

बीजिंग न्यूज के अनुसार, एक अनाम शिक्षक ने बताया कि छात्र रात 10.45 बजे के बाद छात्रावास में नहीं घूम सकते और शौचालय का इस्तेमाल करने पर भी प्रतिबंध हैं. छात्रों को कथित तौर पर कर्फ्यू के बाद शौचालय का इस्तेमाल करने के लिए छात्रावास प्रशासकों से अनुमति लेनी पड़ती है.

छात्र को क्या सज़ा दी गई?

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट (SCMP) के अनुसार, लड़के को “गहन आत्म-चिंतन” पत्र लिखने के लिए कहा गया था और उसे अपने साथियों के बीच 1 हजार कॉपियां बांटने का भी निर्देश दिया गया था. उसकी क्लास के मंथली डिसिप्लिन स्कोर से अंक भी काटे गए.

Advertisement

छात्र ने क्या लिखा?

छात्र ने अपने पत्र में लिखा, “मैंने स्कूल के नियमों का गंभीर उल्लंघन किया है और शाम को शौचालय जाने से ना केवल अन्य छात्रों की नींद में खलल पड़ा, बल्कि मेरी क्लास में भी शर्मिंदगी हुई.” कथित तौर पर उसने अपने शिक्षकों और साथी छात्रों से माफ़ी भी मांगी और वादा किया कि वह “भविष्य में इस व्यवहार को नहीं दोहराएगा.”

Advertisement

SCMP ने बताया कि एक व्यक्ति ने चीनी सोशल मीडिया Douyin पर लिखा कि, “मुझे समझ में नहीं आता कि रात 11 बजे के बाद शौचालय जाना स्कूल के नियमों का उल्लंघन क्यों करता है. उन्हें कब जाना है, इस पर कौन नियंत्रण कर सकता है?” एक अन्य ने कहा, “यह स्कूल इतने सख्त नियमों के साथ जेल जैसा दिखता है.”

Advertisement

स्कूल के खिलाफ कार्रवाई

आक्रोश के बाद हुआरेन के शिक्षा विभाग (जहां स्कूल स्थित है) ने संस्थान से अपनी गलतियों पर विचार करने को कहा. आउटलेट की रिपोर्ट के अनुसार, शिक्षा प्राधिकरण ने कहा “हमनें स्कूल को इस घटना से सीखने और अपनी गलतियों पर विचार करने का निर्देश दिया. हमनें उन्हें अपनी अनुशासन नीतियों को संशोधित करने के लिए कहा.” उन्होंने स्कूल से छात्र को उसके "गहन चिंतन" पत्र की 1,000 कॉपियां छापने के लिए क्षतिपूर्ति के रूप में 100 युआन (US$14) का भुगतान करने को भी कहा. अधिकारियों ने कथित तौर पर क्षेत्र के सभी स्कूलों को "उचित और मानवीय" अनुशासन नीतियां लागू करने का निर्देश दिया है.

Advertisement

ये भी देखेंः- इस समुद्र में चाहकर भी डूब नहीं सकता इंसान

Featured Video Of The Day
PM Modi On The Sabarmati Report: Godhra Riots पर बनी Film से प्रभावित हुए प्रधानमंत्री मोदी