बर्फीले पहाड़ पर हिम तेंदुओं की मस्ती के Video ने लोगों को किया हैरान, देखें Snow Leopards का दुर्लभ नज़ारा

मूल रूप से टूर ऑपरेटर ताशी त्सावांग ने इस वीडियो को कैप्चर किया है. वीडियो में हिम तेंदुओं के प्राकृतिक आवास में एक दुर्लभ और मनमोहक झलक देखी जा सकती है.

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बर्फ से ढकी ज़ांस्कर घाटी में अठखेलियां करते हिम तेंदुओं का वीडियो वायरल

"पहाड़ों के भूत" के नाम से भी जाने जाने वाले हिम तेंदुए हिमालय की बर्फीली चोटियों पर रहते हैं. हाल ही में, आईएएस अधिकारी सुप्रिया साहू ने लद्दाख के बर्फ से ढके ज़ांस्कर क्षेत्र में दो हिम तेंदुओं का चंचल अंदाज में मस्ती करते हुए एक दिलचस्प वीडियो शेयर करके वन्यजीव प्रेमियों को रोमांचित कर दिया. मूल रूप से टूर ऑपरेटर ताशी त्सावांग ने इस वीडियो को कैप्चर किया है. वीडियो में हिम तेंदुओं के प्राकृतिक आवास में एक दुर्लभ और मनमोहक झलक देखी जा सकती है.

सुप्रिया साहू ने इस दृश्य को जंगली जीवों के खूबसूरत डांस के रूप में बताया, जो हिम तेंदुओं की सुंदर हरकतों को पूरी तरह से दिखाता है. क्लिप में, राजसी जानवरों को अपने पहाड़ी घर की सुंदरता के बीच बर्फ से लदी ज़ांस्कर घाटी में सहजता से दौड़ते और छलांग लगाते हुए देखा जा सकता है. उन्हें देख ऐसा लगता है जैसे वह बर्फ पर खेल रहे हों और खुल कर मजा ले रहे हों.

वीडियो यहां देखें:

शायद ही कभी देखे जाने वाले और शायद ही कभी फोटो खिंचवाने वाले, हाल ही में लद्दाख में दो हिम तेंदुओं के देखे जाने ने इंटरनेट को हैरान कर दिया है. तेंदुओं की इन चंचल गतिविधि को सोशल मीडिया पर लोगों ने खूब प्यार किया. ढेरों यूजर्स ने कमेंट कर इसकी तारीफ की. एक यूजर ने लिखा, "ज़ांस्कर लगभग स्वर्ग है." दूसरे ने लिखा, "बर्फ में खेलते तेंदुओं का दुर्लभ वीडियो. आंखों को सुंदर लगता है."

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WWF वेबसाइट के अनुसार, हिम तेंदुए 12 मध्य एशियाई देशों में फैले हुए हैं. वे ऊंचे, ऊबड़-खाबड़ पहाड़ी परिदृश्यों में घर जैसा महसूस करते हैं. भारत में, हिम तेंदुए ज़्यादातर ऊंचाई वाले पहाड़ी इलाकों जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में पाए जाते है.

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एक राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण के अनुसार, भारत में पश्चिमी हिमालय में कम से कम 718 हिम तेंदुए हैं. ज़्यादातर बिल्लियों की तरह, हिम तेंदुए भी अकेले रहने वाले जानवर हैं जिन्हें शायद ही कभी एक साथ देखा जाता है. वे कुशल शिकारी होते हैं, जो चुनौतीपूर्ण इलाकों में अपने वजन से तीन गुना ज़्यादा शिकार को मारने में सक्षम होते हैं. वे वन्यजीवों की एक दुर्लभ प्रजाति हैं जो अपनी त्वचा, हड्डियों और शरीर के अन्य अंगों के लिए अवैध शिकार के कारण अत्यधिक खतरे में हैं.

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