बीमार भाई को लीवर दान कर बहन ने रक्षा की, दो माह में 15 किलो वजन कम कर देवदूत बनी

दरअसल बांसवाड़ा जिले के कुपड़ा गांव निवासी 40 वर्षीय निमेष बीते कुछ समय से लीवर सिरोसिस से जूझ रहा था. उसे लीवर ट्रांसप्लांट की जरूरत थी. ऐसे में डॉक्टर ने बताया कि उसकी बहन के ट्रांसप्लांट से भाई ठीक हो सकता है. 

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भाई और बहन के प्यार को परिभाषित नहीं किया जा सकता है. इस पर्व का मतलब है कि एक दूसरे की रक्षा करना. एक दूसरे से प्रेम करना. एक ऐसा ही मामला राजस्थान से सामने आ रहा है. एक बहन ने अपनी भाई की जिंदगी बचाने के लीवर डोनेट कर एक मिसाल कायम की है.. दरअसल बांसवाड़ा जिले के कुपड़ा गांव निवासी 40 वर्षीय निमेष बीते कुछ समय से लीवर सिरोसिस से जूझ रहा था. उसे लीवर ट्रांसप्लांट की जरूरत थी. ऐसे में डॉक्टर ने बताया कि उसकी बहन के ट्रांसप्लांट से भाई ठीक हो सकता है. 

बिना देर किए हुए बहन ने भाई को लीवर डोनेट करने का फैसला किया. इतना ही नहीं बहन ने दो महीने में 15 किलो वजन भी कम किया. इस कहानी को जानने के बाद लोग बहन को सलाम कर रहे हैं.

निमेष ने बताया कि करीब एक साल पहले उसकी तबीयत अचानक खराब हुई. तबीयत खराब होने के बाद उसने डॉक्टर को दिखाया. डॉक्टर ने बताया कि लीवर खराब हो रहा है. ट्रांसप्लांट के जरिए ही जान बच सकती है.

 इस दौरान चिकित्सकों ने बहन प्रवीणा को लीवर देने के लिए उपयुक्त बताया, लेकिन यहां एक समस्या खड़ी हो गई कि बहन का वजन ज्यादा था और लीवर ट्रांसप्लांट के लिए समय बहुत कम था. ऐसे में चिकित्सकों ने कहा कि यदि बहन प्रवीणा अधिक से अधिक डेढ़ माह में अपना वजन 15 किलो तक कम कर दे तो लीवर ट्रांसप्लांट किया जा सकता है. बहन प्रवीणा ने उसी दिन दृढ़ संकल्प लिया कि कुछ भी हो जाए वह अपने भाई का जीवन बचाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी.

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