7वीं के छात्रों ने प्रिंसिपल से बयां किया अपना दर्द, कहा- 'लल्ला, रसगुल्ला, डामर कहती हैं ये लड़कियां'

'कलुआ' के बाद अब 7वीं के छात्रों का कथित दर्द भरा पत्र सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, लेकिन इस बार मामला छुट्टी का नहीं, बल्कि लड़कियों से परेशान 7वीं कक्षा के कुछ छात्र का है.

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7वीं के छात्रों ने प्रिंसिपल से बयां किया अपना दर्द, कहा- 'लल्ला, रसगुल्ला, डामर कहती हैं ये लड़कियां'

सोशल मीडिया पर कब क्या वायरल हो जाए कह नहीं सकते. इंटरनेट की दुनिया में कब क्या सुर्खियां बटोरने लगे, इसका अंदाज लगा पाना काफी मुश्किल है. हाल ही में स्कूली बच्चों द्वारा अपने प्रिंसिपल को छुट्टी के लिए दिए गए आवेदन पत्र वायरल (Leave Application Viral) हुए थे, जिन्हें पढ़कर सोशल मीडिया पर लोगों का हंस-हंस कर बुरा हाल हो गया था. अब एक बार फिर एक कथित पत्र तेजी से वायरल हो रहा है, लेकिन इस बार मामला छुट्टी का नहीं, बल्कि शिकायत का है. शिकायत है कुछ लड़कियों की, जिनसे परेशान हैं 7वीं कक्षा के कुछ छात्र. 

वायरल हो रहा यह शिकायती पत्र उत्तर प्रदेश के औरैया के एक स्कूल का बताया जा रहा है, जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटप पर '@WeUttarPradesh' नाम के अकाउंट से शेयर किया गया है. इस शिकायती पत्र में कक्षा 7वीं के छात्रों ने लिखा है, 'कक्षा सात (अ) की लड़कियों को लड़कों से माफी मांगने हेतु...' इसके बाद छात्रों ने विस्तार में लिखा, 'महोदय, सविनय निवेदन है कि हम लोग कक्षा सात (अ) के छात्र हैं. हम लोगों से लड़कियां गलत शब्द कहती हैं जैसे- लल्ला, पागल और लड़कों का नाम बिगाड़ती हैं. डामर और रसगुल्ला, लल्ला की तरह रहो कहती हैं. लड़कियां कक्षा में शोर मचाती हैं. गाना गाती हैं और डायलॉग बाजी करती हैं. ओम फोम धर्राटे काट रही हैं.'

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सोशल मीडिया पर वायरल यह कथित शिकायती पत्र हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींच रहा है. वहीं यूजर्स भी इस पर अब भर-भर कर रिएक्शन दे रहे हैं. एक यूजर ने मजाकिया अंदाज में लिखा, 'मामला अति गंभीर है. छात्रों द्वारा लगाए गए आरोपों की निष्पक्ष जांच करने के बाद ही किसी तरह का निर्णय लिया जाए. दोनों पक्षों की दलील सुनी जाए, तभी किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जाए.' दूसरे यूजर ने लिखा, 'इस समस्या का समाधान किसी के पास नहीं है, क्योंकि ऐसा अनन्त काल से होता आया है.'

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एक अन्य यूजर ने स्माइली इमोजी के साथ लिखा, 'अगर ये मामला लड़कियों के पक्ष से होता तो अब तक लड़कों को मुर्गा बना दिया गया होता...लेकिन ये मामला लड़कों के पक्ष से है इस पर कोई कार्यवाही नही होने वाली...इसका बस एक ही उपाय है पुरुष आयोग का गठन.' 

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दूसरे यूजर ने मजाकिया अंदाज में लिखा, 'भाई हमारे नवोदय के लड़कों ये आदि काल से चला आ रहा है. 2003 में भी हमारे क्लास में लड़कियां हम लड़कों को खूब कमेंट पास करती थी. ये रसगुल्ला डामर लईया का बोरा लंबू बंदर सब आदि काल की परंपराएं है. हा भाई ये #ओम्फो फर्राटे काट रही हैं, गलत है हम सब सीनियर तुम्हारे साथ है.'

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यूजर ने लिखा, 'अरे, भईयू आप लोग तो अभी बहुत छोटे हो और जिस समस्या को आपने इतना विकराल रूप दे दिया है, वो दरअसल बचपना है. बच्चे बचपन में मस्ती नहीं करेंगे तो कब करेंगे, परंतु हां अगर यही बात 18+ स्टूडेंट करते तो गलत था. जेंडर इक्विलिटी होनी चाहिए, चाहे लड़का हो या लड़की दोनों को अपने अधिकारों का.'

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