95 फीट गहरे बोरवेल में 16 घंटों तक फंसा रहा 4 साल का मासूम, शख्स ने देसी जुगाड़ से 25 मिनट में निकाला बाहर

राजस्थान (Rajasthan) के जालोर (Jalore) जिले के सांचौर क्षेत्र में 16 घंटे से 95 फीट गहरे बोरवेल में फंसे एक मासूम की जान बचा ली गई है. 4 साल के इस बच्चे का नाम अनिल है. जिसकी तबीयत अब पूरी तरह से ठीक है.

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95 फीट गहरे बोरवेल में 16 घंटों तक फंसा रहा 4 साल का मासूम, शख्स ने देसी जुगाड़ से 25 मिनट में निकाला बाहर

राजस्थान (Rajasthan) के जालोर (Jalore) जिले के सांचौर क्षेत्र में 16 घंटे से 95 फीट गहरे बोरवेल में फंसे एक मासूम की जान बचा ली गई है. 4 साल के इस बच्चे का नाम अनिल है. जिसकी तबीयत अब पूरी तरह से ठीक है. ये बच्चा गुरुवार को सुबह करीब 10 बजे एक 95 फीट गहरे बोरवेल में खेलते-खेलते गिर गया था. इस बाच की सूचना मिलते ही एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंच गईं और बच्चे को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया. कई घंटों की लगातार कड़ी मशक्कत के बाद आखिरकार एक देसी जुगाड़ ही काम आया और बच्चे को कुशलतापूर्वक बाहर निकाला गया.

एनडीआरएफ की तीन टीमें भी इस अभियान में कई घंटों तक लगी रहीं. लेकिन, बच्चे को बाहर निकालने में कामयाबी नहीं मिल पा रही थी, ऐसे में परिजनों के साथ साथ प्रशासन को लोग भी काफी परेशान थे. आखिर 16 घंटे बाद रात 2:24 मिनट पर बोरवेल में फंसे बच्चे को बाहर निकाल लिया गया. जब आधुनिक तकनीक से बात नहीं बन पा रही थी तो भीनमाल के मेडा निवासी माधाराम सुथार का देसी जुगाड़ बच्चे को बोरवेल से बाहर निकालने में काम आया.

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एनडीआरएफ की टीमों के प्रयास विफल हो जाने के बाद माधाराम ने प्रशासन से एक मौका देने का आग्रह किया. इनके बनाए देसी जुगाड़ ने जादू ही कर दिया. महज 25 मिनट में ही अनिल बोरवेल से बाहर निकाल लिया गया. माधाराम ने बच्चे को बाहर निकालने के लिए जलापूर्ति के लिए काम आने वाले पीवीसी के नब्बे-नब्बे फीट के तीन पाइप मंगाए. उसने तीनों पाइप के आगे एक टी को जोड़ा. इनके बीच में एक रस्सी बांध दी गई. साथ ही कैमरे को भी इससे जोड़ा गया.

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80 फीट तक इस जुगाड़ को पहुंचाने के बाद टी को बालक के सिर से होते हुए पेट तक पहुंचाया गया. सीने तक पहुंचते ही रस्सी को खींचा गया. इससे तीनों पाइप के बीच में बच्चा फंस गया. इसके बाद रस्सी को खींचने का काम शुरू हुआ. रस्सी के साथ तीनों पाइप भी बाहर आते रहे. थोड़ी देर में बच्चा माधाराम के हाथ में था. इस रेस्क्यू ऑपरेशन में महज 25 मिनट का समय लगा.

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