प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व संस्कृत दिवस पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं

संस्कृत दिवस भारत में प्रतिवर्ष 'श्रावणी पूर्णिमा' के दिन मनाया जाता है. श्रावणी पूर्णिमा अर्थात् रक्षा बन्धन ऋषियों के स्मरण तथा पूजा और समर्पण का पर्व माना जाता है. ऋषि ही संस्कृत साहित्य के आदि स्रोत हैं, इसलिए श्रावणी पूर्णिमा को ‘ऋषि पर्व’ और ‘संस्कृत दिवस’ के रूप में मनाया जाता है.

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व संस्कृत दिवस के अवसर पर बृहस्पतिवार को देशवासियों को शुभकामनाएं दीं और इस महान भाषा का उत्सव मनाने के लिए सभी से सोशल मीडिया पर संस्कृत में एक वाक्य साझा करने की अपील की.
मोदी ने ‘एक्स' पर संस्कृत में की गई एक पोस्ट में कहा, ‘‘विश्व संस्कृत दिवस पर मेरी शुभकामनाएं. मैं उन सभी की प्रशंसा करता हूं, जो संस्‍कृत के प्रति बहुत भावुक हैं. भारत का संस्कृत के साथ बहुत विशिष्‍ट संबंध है. इस महान भाषा का उत्सव मनाने के लिए, मैं आप सभी से संस्कृत में एक वाक्य साझा करने का अनुरोध करता हूं.''

उन्होंने इस पोस्ट के बाद खुद भी संस्कृत में एक वाक्य साझा किया, जिसमें उन्होंने लिखा, ‘‘अग्रिमदिनेषु भारतं जी-20 संमेलनस्य आतिथ्यं करिष्यति. संपूर्णविश्वतः जनाः भारतम् आगमिष्यन्ति, अस्माकं श्रेष्ठसंस्कृतिं ज्ञास्यन्ति च.''

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उन्होंने सभी से संस्कृत वाक्य के साथ ही हैशटैग ‘सेलिब्रेटिंग संस्कृत' का उपयोग करने का भी आग्रह किया.

संस्कृत दिवस भारत में प्रतिवर्ष 'श्रावणी पूर्णिमा' के दिन मनाया जाता है. श्रावणी पूर्णिमा अर्थात् रक्षा बन्धन ऋषियों के स्मरण तथा पूजा और समर्पण का पर्व माना जाता है. ऋषि ही संस्कृत साहित्य के आदि स्रोत हैं, इसलिए श्रावणी पूर्णिमा को ‘ऋषि पर्व' और ‘संस्कृत दिवस' के रूप में मनाया जाता है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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