इंटरनेट पर आपने कई ऐसे मीम्स देखें होंगे जिसे देख आपने भी कहा होगा कि यस, इंडिया इज नॉट फॉर बिगनर्स. एक हालिया मामले ने एक बार फिर इस बात को साबित किया है. एक पेट्रोल पंंप मालिक के 'हेलमेट नहीं, तो पेट्रोल नहीं' नियम का पालन करने की जिद ने ऐसे परिणाम सामने लाए, जिसकी उसने कल्पना भी नहीं की होगी. जिस बाइक सवार को ईंधन देने से मना किया गया, वह बिजली विभाग का कर्मचारी था और उसने पेट्रोल पंप की बिजली आपूर्ति काटकर बदला लिया.
यह हैरान करने वाली घटना सोमवार को उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में हुई. योगी आदित्यनाथ सरकार ने सड़क दुर्घटना में हताहतों की संख्या कम करने की पहल के तहत जिला अधिकारियों से 'हेलमेट नहीं, तो पेट्रोल नहीं' नियम लागू करने को कहा है. पेट्रोल पंप मालिकों से भी कहा गया है कि वे हेलमेट नहीं पहनने वाले बाइक सवारों को ईंधन देने से मना कर दें.
ऐसा है मामला
एक पेट्रोल पंप परिचारक के अनुसार, बिजली आपूर्ति विभाग का एक लाइनमैन सोमवार को उसकी बाइक में ईंधन भरने आया था. उसने हेलमेट नहीं पहना हुआ था. पेट्रोल पंप कर्मचारियों से कहा गया था कि वे बिना हेलमेट वाले किसी भी बाइक सवार को ईंधन देने से मना कर दें. "हमारे मालिक ने हमें जिला मजिस्ट्रेट के आदेश के बारे में बताया कि अगर कोई व्यक्ति हेलमेट नहीं पहने है तो उसे ईंधन नहीं दिया जाना चाहिए. जब लाइनमैन आया, तो हमने उसकी बाइक में ईंधन भरने से मना कर दिया. वह गुस्से में चला गया और बिजली की आपूर्ति काट दी."
अचानक बिजली कटने से पेट्रोल पंप के कर्मचारी हैरान रह गए. करीब 20 मिनट बाद बिजली आपूर्ति बहाल हो गई. पेट्रोल पंप के मालिक ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.
आस-पास के सीसीटीवी कैमरे में देखा जा सकता है कि नाराज लाइनमैन ने अपनी बाइक ट्रांसफार्मर के पास रोकी और दीवार पर चढ़ गया. इसके बाद वह एक खंभे पर चढ़ गया और बिजली की लाइन काट दी. जैसे ही वह नीचे उतरा, लोग ट्रांसफार्मर के पास जाकर जांच करने लगे कि क्या गड़बड़ है.
डीएम का आदेश
जिला मजिस्ट्रेट प्रेरणा शर्मा द्वारा जारी आदेश के अनुसार, हापुड़ में पेट्रोल पंप मालिकों से कहा गया है कि वे बिना हेलमेट वाले बाइक सवारों को पेट्रोल न बेचें. उन्हें 'नो हेलमेट, नो पेट्रोल' नियम के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए बड़े-बड़े होर्डिंग लगाने को कहा गया है. इस नियम के तहत पीछे बैठने वाले लोगों को भी हेलमेट पहनना अनिवार्य है. पेट्रोल पंप मालिकों से यह भी कहा गया है कि वे सुनिश्चित करें कि परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे काम कर रहे हों, ताकि विवाद की स्थिति में फुटेज से मदद मिल सके.