हैदराबाद के लोकल ट्रेन पैसेंजर ने ऑनलाइन टिकटिंग सिस्टम को बताया बेकार, सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस

उन्होंने ऐप का एक स्क्रीनशॉट शेयर किया, जिसमें दिखाया गया कि उन्होंने हैदराबाद, तेलंगाना में लिंगमपल्ली और भारत नगर स्टेशनों के बीच एमएमटीएस कोच रूटिंग पर एक अनारक्षित यात्रा टिकट बुक करने की कोशिश की.

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यात्री ने UTS पर निकाला गुस्सा

अनरिजर्व्ड टिकटिंग सिस्टम (UTS) ऐप मुंबई, हैदराबाद और अन्य शहरों में लोकल ट्रेन यात्रियों के लिए एक अहम डिवाइस बन गया है. हालांकि, ऑनलाइन ट्रेन टिकट बुक करते समय लोगों को कई चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है. हाल ही में, एक्स यूजर वेंकट ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर यूटीएस ऐप के माध्यम से लोकल ट्रेन के लिए ऑनलाइन टिकट बुक करते समय आने वाली कठिनाइयों के बारे में शिकायत की. उन्होंने ऐप का एक स्क्रीनशॉट शेयर किया, जिसमें दिखाया गया कि उन्होंने हैदराबाद, तेलंगाना में लिंगमपल्ली और भारत नगर स्टेशनों के बीच एमएमटीएस कोच रूटिंग पर एक अनारक्षित यात्रा टिकट बुक करने की कोशिश की. उनके पोस्ट ने ऐप की एक लीमिटेशन को उजागर किया जिसने उन्हें परेशान कर दिया.

वेंकट ने यूटीएस ऐप का एक स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा, ‘मेरी लंबी दूरी की ट्रेन आ गई और बगल के प्लेटफॉर्म से एक लोकल ट्रेन निकलने के लिए तैयार थी. मैं उसमें नहीं चढ़ सका क्योंकि मुझे क्यूआर कोड को स्कैन करने के लिए बाहर जाना पड़ा क्योंकि यह ऐप मुझे टिकट बुक करने की अनुमति नहीं दे रहा था. ऐसा तब होता है जब एसी कमरों में बैठे बाबू यह नहीं जानना चाहते कि चीजें कैसे काम करती हैं.'

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पोस्ट को 19 मार्च को शेयर किया गया था और तब से इसे 268,000 से अधिक बार देखा जा चुका है. कमेंट सेक्शन में यूजर्स की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आईं. जबकि कुछ यूजर्स ने बताया कि सिस्टम के दुरुपयोग को रोकने के लिए सीमा लागू की गई थी, अन्य ने कहा कि टिकट बुक करते समय उन्हें भी इसी समस्या का सामना करना पड़ा.

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एक यूजर ने लिखा, "दुरुपयोग को रोकने के लिए दूरी की सुविधा है. नहीं तो कई बिना टिकट यात्री, ट्रेन में चढ़ने के बाद भी, टीसी को देखकर मोबाइल निकाल लेते हैं और तुरंत टिकट बुक कर लेते हैं." दूसरे ने लिखा, "वे आपको प्लेटफ़ॉर्म पर बुकिंग करने की अनुमति नहीं देते हैं क्योंकि, कोई भी बिना टिकट यात्री तब बुकिंग करेगा जब चेकिंग चल रही हो. आप प्लेटफ़ॉर्म पर रहकर टिकट बुक नहीं कर सकते." एक तीसरे ने कमेंट किया, "ऐसा इसलिए है क्योंकि वे नहीं चाहते कि यात्री अगले डिब्बे में टिकट चेकर को देखने के बाद टिकट खरीदें."

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एक चौथे यूजर ने लिखा, "मुझे भी इन्हीं स्थितियों का सामना करना पड़ता है. बेकार ऐप." एक अन्य ने लिखा, यूटीएस ऐप तब बेकार है जब आपको इसकी जरूरत होती है, उदाहरण के लिए जब आप रात में उतरते हैं और काउंटर बंद होने के कारण लोकल ट्रेनों के टिकट काउंटर पर उपलब्ध नहीं होते हैं.

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