हमारे देश के कई हिस्सों में आज भी पुरानी परंपराओं और अंधविश्वासों को बड़ी मान्यता दी जाती है. ऐसा ही एक परंपरा आज भी ओडिशा के मयूरभंज जिले में चली आ रही है. दरअसल, ओडिशा में हो (Ho) जनजाति में अगर बच्चों के ऊपर के दांत पहले आ जाएं तो कुत्तों से शादी करने की परंपरा है. ऊपर के दांत पहले आने पर "अपशगुन" माना जाता है. ऐसे में अगर किसी लड़के में ऊपर के दांत पहले आएं तो मादा और लड़की हो तो नर कुत्ते के बच्चे के साथ उसकी शादी की जाती है. बीते शुक्रवार को जिले के सुकरौली ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले गम्भरिया गांव में ऐसा ही एक मामला सामने आया है. जहां दो परिवारों ने अपने बेटों की शादी एक मादा कुत्ते से कर दी क्योंकि दोनों बच्चों में ऊपर के दांत आना शुरू हो गए थे.
डेबेन चत्तर और नोरेन पूर्ति ने इस अपशगुन को दूर करने के लिए इस परंपरा का का पालन किया. जानकारी के मताबिक, यह परंपरा मकर संक्रांति से शिवरत्रि के बीच पूरी की जाती है. इस समुदाय में यह परंपरा कई पीढ़ियों से चल रही है. पूर्ति ने गांव में अपने बेटे का "विवाह" समारोह आयोजित किया. इसमें दोनों बच्चों को दूल्हा और मादा कुत्ते को दुल्हन के रूप में ट्रीट किया गया. इस समारोह में गांव के अन्य लोग भी शामिल हुए.
वहीं, मयूरभंज के पुलिस अधीक्षक का कहना है कि क्षेत्र में जागरूकता फैलाने करने के लिए कदम उठाएंगे. गौरतलब है कि ओडिशा के कुछ समुदायों में कुत्ते के अलावा पेड़ से शादी कराने की भी परंपरा है और समय-समय पर ऐसे मामले सामने आते रहे हैं.