नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize) को व्यापक रूप से दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार माना जाता है, इसलिए कोई भी रसायन विज्ञान के नोबेल विजेता (Nobel Laureate in Chemistry) से स्कूल में इस विषय में उत्कृष्ट प्रदर्शन की ही उम्मीद करेगा. लेकिन, एक ऐसा भी रसायन शास्त्री (Chemistry Laureate) है, जो हाई स्कूल में इस विषय में फेल होने की महारत रखता है. हालांकि, उनका कहना है कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उनके शिक्षक ने उस विषय के प्रति उनके अंदर अरुचि पैदा कर दी थी.
टॉमस लिंडाहल (Tomas Lindahl) के 83वें जन्मदिन को नोबेल पुरस्कार संगठन (Nobel Prize Organisation) ने स्वीडिश वैज्ञानिक और उनकी उपलब्धियों एक इंस्टाग्राम पोस्ट के साथ सेलिब्रेट करते हुए दुनिया को उनकी याद दिलाई. दुनिया में एकमात्र रसायनज्ञ लॉरेटे थे, जो इस विषय में फेल हुए.
डॉ. लिंडाहल ने नोबेल पुरस्कार के आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट के जरिए बताया, "स्कूल में मेरे पास एक शिक्षक था जो मुझे पसंद नहीं करता था और मैं उसे पसंद नहीं करता था."
”विडंबना यह है कि विषय रसायन था.”
"मुझे एकमात्र रसायन शास्त्री होने का गौरव प्राप्त है, जो हाई स्कूल में इस विषय में असफल हो गया!"
एक यूजर ने कमेंट सेक्शन में लिखा है, "महान कहानी." दूसरे ने कहा, "मुझे खुशी है कि यह आपको अपने रास्ते में आगे बढ़ने से नहीं रोक पाया."
टॉमस लिंडाहल को "रसायन विज्ञान के डीएनए अध्ययन" के लिए अमेरिकी रसायनज्ञ पॉल एल मोडरिच (American chemist Paul L Modrich) और तुर्की रसायनज्ञ अजीज संसार (Turkish chemist Aziz Sancar) के साथ संयुक्त रूप से रसायन विज्ञान में 2015 के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
28 जनवरी, 1938 को स्वीडन के स्टॉकहोम में जन्मे टॉमस लिंडाहल ने करोलिंस्का संस्थान से पीएचडी की डिग्री प्राप्त की.