आइसक्रीम खाना किसे पसंद नहीं है, दुनियाभर में आइसक्रीम के दीवानों की कमी नहीं है, लेकिन जरा सोचकर देखिए अगर आपको एक आइसक्रीम के लिए 60,000 से ज्यादा रुपये देने पड़े तो कैसे लगेगा. यकीनन आप ये सोच रहे होंगे क्या इतनी महंगी आइसक्रीम भी होती है?
यहां आपको बता दें, दुबई में स्कूपी कैफे "ब्लैक डायमंड" नाम की एक आइसक्रीम परोसी जाती है. जिसकी कीमत 840 डॉलर (62,900 रुपये) है. इसे दुनिया की सबसे महंगी आइसक्रीम माना जाता है. स्कूपी में परोसी जाने वाली सभी प्रकार की आइसक्रीम की तरह, "ब्लैक डायमंड" स्क्रैच से बनाया जाता है.
बता दें, आइसक्रीम की सामग्री में इटालियन ट्रफल्स, एम्ब्रोसियल ईरानी केसर और खाने योग्य 23-कैरेट सोने के गुच्छे शामिल हैं.
आइए जानते हैं क्या है आइसक्रीम का इतिहास
आइसक्रीम की उत्पत्ति दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व तक वापस पहुंचने के लिए जानी जाती है, हालांकि इसकी खोज के लिए न तो कोई खास तारीख है और न ही किसी आविष्कारक श्रेय दिया गया है.
हम जानते हैं कि सिकंदर ने शहद और अमृत के साथ बर्फ और बर्फ के स्वाद का आनंद लिया था, बाइबिल के सन्दर्भों से यह भी पता चलता है कि राजा सुलैमान को कटाई के दौरान आइस्ड ड्रिंक्स का शौक था. रोमन साम्राज्य के दौरान, नीरो क्लॉडियस सीज़र (एडी 54-86) ने अक्सर फलों के रस से बनी आइसक्रीम खाता था.
इतिहासकारों का अनुमान है कि यह नुस्खा 16वीं शताब्दी में किसी समय आइसक्रीम के रूप में विकसित हुआ. ऐसा लगता है कि इंग्लैंड ने उसी समय आइसक्रीम की खोज की थी.
जब छपा आइसक्रीम का पहला विज्ञापन
सबसे पहले आइसक्रीम के लिए पहला विज्ञापन 12 मई, 1777 को न्यूयॉर्क गजट में छपा, जब हलवाई फिलिप लेंजी ने घोषणा की की कि आइसक्रीम "लगभग हर दिन" उपलब्ध है.
आपको बता दें, आइसक्रीम में धीरे- धीरे विस्तार होता रहा. साल 1813 में, डॉली मैडिसन ने व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति मैडिसन के दूसरे उद्घाटन भोज में एक शानदार स्ट्रॉबेरी आइसक्रीम का निर्माण किया था.