जिस कंपनी में काम करते थे, अचानक उसी के मालिक बने 700 कर्मचारी, करोड़पति बॉस के एक फैसले से बदली सबकी किस्मत

अमेरिका की मशहूर बॉब रेड मिल के संस्थापक बॉब मूर का 10 फरवरी, 2024 को 94 साल की उम्र में निधन होने के बाद उनकी दरियादिली की कहानी पूरी दुनिया में फैल गई है.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
प्रेरित करती है इस शख्स की कहानी

अपनी कंपनी को कभी न बेचने की कसम, कामयाबी से प्यार और बाइबल की प्रेरणा से एक करोड़पति कारोबारी ने अपने 700 कर्मचारियों की किस्मत एक झटके में बदल डाली. अमेरिका की मशहूर बॉब रेड मिल के संस्थापक बॉब मूर (Bob Moore) का 10 फरवरी, 2024 को 94 साल की उम्र में निधन होने के बाद उनकी दरियादिली की कहानी पूरी दुनिया में फैल गई है.

कंपनी को बेचने के बजाय 700 कर्मचारियों के दिया मालिकाना हक

फॉर्च्यून की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बॉब मूर ने फूड कारोबार से जुड़े किसी ग्रुप को अपनी कंपनी को बेचने के बजाय अपने 700 कर्मचारियों को कंपनी का पूरा मालिकाना हक दे दिया था. बॉब मूर की कंपनी साबुत अनाज जैसे प्रोडक्ट के अलावा कर्मचारियों के लिए बड़ा दिल दिखाने के लिए जानी जाती है. मूर ने अपनी ऑर्गेनिक फूड फर्म के लिए एक बेमिसाल मालिकाना हक वाली व्यवस्था आजमाई.

अपने 81वें जन्मदिन पर बॉब मूर ने कर्मचारियों को बनाया मालिक

इससे पहले साल 2010 में मूर ने अपने 81वें जन्मदिन पर अपने तत्कालीन 209 कर्मचारियों के लिए एक कर्मचारी स्टॉक स्वामित्व योजना शुरू किया और खुद मालिकाना हक छोड़ दिया था. अप्रैल 2020 तक कंपनी बढ़कर 700 कर्मचारियों वाली हो गई. यानी मूर के निधन से चार साल पहले ही कंपनी में कर्मचारी ही पूरी तरह से मालिक बन गए थे. उसी दौरान बॉब मूर ने बताया था कि उनका इरादा पारंपरिक कारोबार के मॉडल से बचने का है जिसमें मालिक और मैनेजमेंट कर्मचारियों से ज्यादा अपने मुनाफे को प्राथमिकता देते हैं.

बाइबिल से ली प्रेरणा, कड़ी मेहनत और दयालु होने से कामयाबी

मूर ने साल 2020 में कहा था, "मैंने लगभग 70 साल पहले सीखा कि कामयाबी के लिए कड़ी मेहनत करना और दयालु होना कितना अहम है. "जैसे-जैसे हमारा छोटा कारोबार बढ़ता गया, मुझे एहसास हुआ कि मेरे पास बड़ा दिल दिखाने का एक बड़ा मौका है. मेरे पसंदीदा बाइबिल में लिखा है कि दूसरों के साथ वही करें जो आप चाहते हैं कि वे आपके साथ करें. मुझे लगता है कि यह कुछ ऐसा है जिसे हम सभी को जीना चाहिए."

कंपनी से प्यार करते थे बॉब मूर, रिटायरमेंट के बाद बोर्ड में जगह

इससे पहले 2018 में कारोबारी मूर ने कहा कि बॉब की रेड मिल "एक शानदार सपने के सच होने जैसा" था. एक और इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि वह कंपनी से इतना प्यार करते थे कि वह इसे कभी नहीं बेचेंगे. इसलिए उन्होंने कई कंपनी के खरीदने के लिए आए कई ऑफर को ठुकराया. मूर 2018 में ही कंपनी से रिटायर हो गए थे. हालांकि, वह अपनी आखिरी सांसें गिनने तक कंपनी के बोर्ड में थे.

गैस स्टेशन चलाने और स्टोर संभालने के बाद शुरू की कंपनी

49 साल की उम्र में कंपनी की स्थापना करने से पहले बॉब मूर जे.सी. पेनी में एक गैस स्टेशन के मालिक और स्टोर मैनेजर थे. कारोबार शुरू करने से पहले उन्होंने खुद को बाइबिल के अध्ययन के लिए समर्पित कर दिया था. उन्होंने दावा किया कि जीवन भर उतार-चढ़ाव के बावजूद उनकी सफलता की कुंजी हमेशा उन्हें खुद से ही मिलती गई. मूर ने पूरी दुनिया की यात्रा की है. उन्होंने अपना पैसा बर्बाद नहीं करने को भी बड़ी खुशी की वजह बताया था.

साल 2018 में 100 मिलियन डॉलर पार थी कंपनी की कमाई

बिजनेस मैगजीन फोर्ब्स के मुताबिक, साल 2018 तक उनकी कंपनी की कमाई 100 मिलियन डॉलर से अधिक होने का अनुमान लगाया गया था. बॉब की रेड मिल 70 से अधिक देशों में 200 से अधिक उत्पाद बेचती है. बॉब मूर के निधन के बारे में बताते हुए कंपनी ने कहा, "बॉब का जुनून, सरलता और दूसरों के लिए सम्मान बॉब रेड मिल के कर्मचारी-मालिकों को हमेशा प्रेरित करेगा."

Featured Video Of The Day
Punjab News: Mohali में कैसे ढही 4 मंजिला इमारत? वीडियो आया सामने