गुजरात के वडोदरा की एक असाधारण घटना में, एक स्थानीय वन्यजीव बचावकर्ता ने कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (CPR) का उपयोग करके एक सांप को सफलतापूर्वक बचाने के बाद सुर्खियां बटोरीं. बचावकर्मी, जिसकी पहचान यश तड़वी के रूप में हुई, उसको इलाके में एक दम तोड़ रहे सांप के बारे में जानकारी मिली. घटनास्थल पर पहुंचने पर, वन्यजीव बचावकर्ता ने देखा कि एक फुट का, गैर-जहरीला चेकरयुक्त कीलबैक सांप रेंगने में असमर्थ पड़ा हुआ है. हालांकि, सांप की बेहोशी की स्थिति के बावजूद, तड़वी उसके जीवित रहने को लेकर आशावादी रहे. उन्होंने कमेंट किया की, "सांप ने कोई हलचल नहीं दिखाई, लेकिन मुझे विश्वास था कि उसे बचाया जा सकता है."
बिना किसी हिचकिचाहट के, तड़वी हरकत में आ गए. उसने सावधानी से सांप की गर्दन पकड़ी, उसका मुंह खोला और उसमें हवा देना शुरू कर दिया और लगभग तीन मिनट तक सीपीआर किया. शुरुआत में, उनके प्रयास व्यर्थ लग रहे थे क्योंकि पहले दो प्रयासों के दौरान सांप ने ठीक होने का कोई संकेत नहीं दिखाया था. हालांकि, उनकी दृढ़ता का फल तब मिला जब तीसरी कोशिश में सांप ने हरकत करना शुरू कर दिया, जो उसके पुनर्जीवित होने का संकेत था.
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इस बचाव को वीडियो में रिकॉर्ड किया गया, जिसमें उस पल को दिखाया गया जब सांप को होश आया. सफल ऑपरेशन के बाद, पुनर्जीवित प्राणी को आगे की देखभाल और पुनर्वास के लिए स्थानीय वन विभाग को सौंप दिया गया. यह पहली बार नहीं है कि जानवरों के प्रति दयालुता के ऐसे उल्लेखनीय कार्यों ने भारत में सुर्खियां बटोरी हैं. इससे पहले मई 2024 में, उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में, विकास तोमर नाम के एक हेड कांस्टेबल ने एक बंदर पर सीपीआर किया था जो एक पेड़ से गिर गया था और मृत लग रहा था.
तेज गर्मी से परेशान बंदर को मदद की सख्त जरूरत थी. अपने सहयोगियों के सहयोग से, जिन्होंने उसे बंदरों के उत्तेजित झुंड से बचाया, तोमर ने सफलतापूर्वक जानवर को पुनर्जीवित कर दिया. इस हृदयस्पर्शी क्षण को कैद करने वाला एक वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हुआ, जिसमें पुलिस अधिकारी के वीरतापूर्ण प्रयासों को दर्शाया गया है. चाहे वह वडोदरा में सांप हो या बुलंदशहर में बंदर, संदेश स्पष्ट है: करुणा की कोई सीमा नहीं है, और हर जीवन बचाना जरूरी है.