एक पर्वतारोही (mountain climber) ने जमीन से लगभग 400 फीट ऊपर हिमस्खलन (avalanche) की चपेट में आने पर महसूस किए गए अपने डर के बारे में खुलासा किया है. पूरी घटना बताते हुए उसने ये बताया कि कैसे इस दौरान उसने अपनी जान बचाई. लेलैंड निस्की ओरे, कोलोराडो में बर्फ पर रिबन की चोटी पर चढ़ रहा था, जब हिमस्खलन शुरु हो गया. क्लाइंबिंग पत्रिका के अनुसार, वह अकेला था, अनियंत्रित और बड़े हिमस्खलन का सामना करने के लिए मार्ग से अवगत था - लेकिन 8 फरवरी की सुबह जब उसे लगा कि खतरा कम है, उसने चढ़ाई करते हुए आगे बढ़ने का फैसला किया. उसके बाद जो हुआ वह उनके जीवन के सबसे भयानक अनुभवों में से एक था.
एक वीडियो में मिस्टर निस्की को पहाड़ के किनारे पर बर्फ की पहाड़ी पर लटके हुए एक कुल्हाड़ी का इस्तेमाल करते हुए दिखाया गया है. जब हिमस्खलन शुरु होता है, तो उसे अपने स्थान को सुरक्षित करने के लिए अपनी दूसरी बर्फ की कुल्हाड़ी का इस्तेमाल करने के लिए मजबूर होना पड़ता है क्योंकि उस पर लगातार बर्फ गिर रही थी. यह सब तब हुआ जब वह जमीन से 400 फीट की ऊंचाई पर थे.
पर्वतारोही ने क्लाइंबिंग पत्रिका को बताया, "वीडियो में यह बताना मुश्किल है, लेकिन मैं बर्फ के एक उभार के नीचे था, जिसका मतलब कि मैंने इसे आते हुए नहीं देखा." "मैं वास्तव में अपने उपकरण की पकड़ को बनाए रखने के लिए अपना हाथ बदल रहा था. यह भयानक था."
इस महीने की शुरुआत में शेयर किया गया वीडियो, मिस्टर निस्की को अपनी जान बचाने के लिए बर्फ के पहाड़ से चिपके हुए दिखाता है.
इंस्टाग्राम पर कमेंट सेक्शन में एक शख्स ने लिखा, "इस तरह के अविश्वसनीय फुटेज और कुशलता और ताकत का असाधारण प्रदर्शन!" दूसरे ने लिखा, "सुपर डरावना सामान."
दो मिनट तक चलने वाले हिमस्खलन से वह कैसे बचे, इस बारे में बोलते हुए, निस्की ने कहा, "मुझे पता था कि अगर मैं डरता रहा तो शायद मैं मर जाऊंगा, इसलिए मैंने अपनी सांस को नियंत्रित करने पर ध्यान केंद्रित किया, अपने शरीर पर गिरती बर्फ को रोकने के लिए दीवार से कसकर चिपक गया, और सांस लेने के लिए सिर को नीचे कर दिया.
उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि मेरे बचने का एकमात्र कारण यह है कि मैंने डर को नियंत्रित करने के बजाय अपने डर की प्रतिक्रिया को नियंत्रित करने के लिए अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित किया."
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