सोशल मीडिया पर इन दिनों मालदीव को लेकर भारत में गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने अपने लक्ष्यद्वीप दौरे के अनुभव को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साज्ञा किया था. इसके साथ ही उन्होंने लोगों से वहां जाने की अपील भी की. पीएम मोदी ने कहा था कि, प्राकृतिक सुंदरता के अलावा, लक्षद्वीप की शांति भी मंत्रमुग्ध कर देने वाली है. उनकी तस्वीरों को देखकर मालदीव के मंत्रियों को ऐसी मिर्ची लगी कि, उन्होंने कुछ भी अनाप शनाप बयान देना शुरू कर दिया, जिसके बाद भारत में #BycottMaldives ट्रेंड करने लगा. आज हम आपको मालदीव की एक अनोखी घटना के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में जानकर आप दंग रह जाएंगे.
समुद्र के अंदर कैबिनेट बैठक
क्या आपको पता था कि, एक बार मालदीव में समुद्र के अंदर कैबिनेट की मीटिंग हुई थी. उस दौरान 30 मिनट तक पूरी सरकार पानी में थी, जिसका एक वीडियो इंटरनेट पर भी मौजूद है. दरअसल, बढ़ते वैश्विक तापमान के कारण मालदीव जैसे राष्ट्रों के लिए अस्तित्व का संकट पैदा हो गया है. कहा जा रहा है, इनके डूबने की भी आशंका है. वैज्ञानिकों की मानें तो साल 2100 तक ये पूरा देश समुद्र में समा सकता है. हालात ये है कि, हर बीतते साल के साथ ही इसका कुछ न कुछ हिस्सा समुद्र के पानी में धीरे-धीरे समाता जा रहा है. कहा जा रहा है कि, तापमान बढ़ने की स्थिति में बर्फ पिघलने से ये खतरा और बढ़ता जाएगा. इस खतरे और सकंट के बारे में चेताने के लिए 19 अक्टूबर 2009 में वहां की सरकार ने एक फैसला किया था. बताया जा रहा है कि, 19 अक्टूबर 2009 को मालद्वीव की पूरी सरकार ने समुद्र में पानी के अंदर मीटिंग की थी, जो कि 30 मिनट तक चली थी.
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समुद्र में 15 फुट नीचे हुई कैबिनेट की मीटिंग
बताया जा रहा है कि, समुद्र में 15 फुट नीचे हुई ये कैबिनेट बैठक मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद की अध्यक्षता में हुई थी, जिसमें 11 मंत्री और कैबिनेट सेक्रेटरी शामिल हुए थे. मीटिंग के दौरान सभी ने एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें दुनिया के सभी देशों से खतरनाक गैसों के उत्सर्जन में कटौती करने की मांग की गई थी.
गोताखोरों की मदद से मीटिंग स्थल तक पहुंचे मंत्री
इस मीटिंग के दौरान सभी लोगों ने काले रंग का डाइविंग सूट और मास्क पहन रखा था. वायरल हो रही तस्वीर में देखा जा सकता है कि, समुद्र के अंदर बाकयदा सभी के बैठने के लिए टेबल की व्यवस्था थी. इस दौरान चारों ओर तैरती मछलियों को भी देखा जा सकता है. बताया जा रहा था कि, सभी लोग कुशल गोताखोर के साथ मौजूद थे. वहीं मालदीव में शार्क भी आक्रामक नहीं होतीं, इसलिए उनके हमले का भी डर नहीं था.