100 साल पहले वाराणसी से चोरी की गई मां अन्नपूर्णा (Maa Annapurna Idol) की 18वीं शताब्दी की एक मूर्ति कनाडा ने भारत को लौटा दी है. अब भारत सरकार (Government of India) इस मूर्ति को उत्तर प्रदेश सरकार को सौंपेगी, जिसके बाद मां अन्नपूर्णा की मूर्ति को काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) परिसर में स्थापित किया जाएगा. बता दें, कि मां अन्नपूर्णा की 18वीं शताब्दी की एक मूर्ति 100 साल पहले चोरी हो गई थी और इसे कनाडा ले जाया गया था. बताया जाता है कि यह मूर्ति मूल रूप से वाराणसी की है और मैकेंजी आर्ट गैलरी में रेजिना विश्वविद्यालय के संग्रह का हिस्सा थी.
यह मामला उस वक्त सामने आया जब इस गैलरी में एक आगामी प्रदर्शनी की तैयारी चल रही थी. इसी दौरान कलाकार दिव्या मेहरा मैकेंजी के कलेक्शन से गुजरी थीं तभी उनकी नजर मूर्ति पर पड़ गई थी, जिसके बाद उन्होंने इस मुद्दे को उठाया और कहा था कि यह अवैध रूप से कनाडा में लाई गई है. जिसके बाद यह मूर्ति भारत को सौंपी दी गई थी.
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रेजिना विश्वविद्यालय के अंतरिम अध्यक्ष व कुलपति थॉमस चेस ने यह मूर्ती भारत के उच्चायुक्त अजय बिसारिया को सौंपी थी. अब भारत सरकार इस मूर्ती को उत्तर प्रदेश सराकर को सौंपने जा रही है. जिसके बाद मां अन्नपूर्णा की मूर्ति को 15 नवंबर को काशी विश्वनाथ मंदिर में स्थापित किया जाएगा. जिसके बाद हजारों-लाखों लोग काशी विश्वनाथ के दर्शन के साथ ही मां अन्नपूर्णा के भी दर्शन कर सकेंगे.
आज दिल्ली में केंद्र सरकार के एक कार्यक्रम में ये मूर्ति उत्तर प्रदेश सरकार को सौंपी जाएगी. इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश से जुड़े केंद्र के कई मंत्री हैं इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री इस प्रोग्राम में शामिल हैं. जी किशन रेड्डी,धर्मेंद्र प्रधान,हरदीप सिंह पुरी,स्मृति ईरानी,महेंद्र नाथ पांडेय,अर्जुन राम मेघवाल,जनरल वी के सिंह,अनुप्रिया सिंह पटेल,सत्यपाल सिंह बघेल,भानुप्रताप सिंह वर्मा,मीनाक्षी लेखी,बीएल वर्मा समेत कई नेता इस कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं. उत्तर प्रदेश सरकार से भूपेंद्र सिंह चौधरी,बलदेव सिंह,सुरेश राणा,कपिल देव अग्रवाल,अतुल गर्ग,नीलकंठ तिवारी शामिल हैं.