अमेरिका में मिनेसोटा की रहने वाली 26 वर्षीय महोगनी एम्बरकाई करीब 21 साल बाद अपने परिवार का पता लगाने के लिए लखनऊ आई हैं. महोगनी का कहना है कि करीब 21 साल पहले उन्हें एक अमेरिकी महिला ने गोद लिया था और उन्हें अपने साथ ले गयी थी. महोगनी ने मंगलवार को ‘पीटीआई-भाषा' को बताया, 'मैं अपने परिवार का पता लगाने के लिए पिछले तीन सप्ताह से लखनऊ में हूं. मुझे जानकारी मिली है कि मैं लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर पड़ी थी, और (लखनऊ में) एक अनाथालय मुझे ले जाया गया था और फिर मुझे छोड़ दिया गया.”
उन्होंने बताया, '' 2002 में एक अमेरिकी महिला ने मुझे गोद लिया था. वह मुझे अमेरिका ले गई, वहां मेरा पालन-पोषण किया, वह मेरे साथ बहुत ही बुरा व्यवहार करती थी .अब मैं अपनी पुरानी जिंदगी के बारे में जानने के लिए लखनऊ आई हूं.'
अपने अनुभव और अमेरिका में अपने परिवार के बारे में विस्तार से बताते हुए, महोगनी ने बताया, 'मेरा अमेरिका में कोई परिवार नहीं था. मुझे अकेली महिला ने गोद लिया था, और वह वास्तव में बहुत अपमानजनक व्यवहार करती थी. उसने मुझे कभी भी मेरी संस्कृति के बारे में नहीं सिखाया और न ही मेरे बारे में कुछ बताया. उसके परिवार ने भी मुझे अस्वीकार कर दिया था क्योंकि मैं जन्म से उनकी बेटी नहीं थी. इसलिए, मेरा कोई परिवार नहीं था.'
महोगनी ने यह भी कहा कि (शुरुआत में) उन्हें नहीं पता था कि वह रेलवे स्टेशन पर पाई गई थीं, लेकिन वह जानती थीं कि वह लखनऊ से हैं.
यह पूछे जाने पर कि क्या कोई पुरानी याद उन्हें लखनऊ वापस लेकर आई, तो अमेरिका में हाई स्कूल तक पढ़ाई करने वाली महोगनी एम्बरकाई ने कहा, 'कोई याद नहीं थी लेकिन जब मैं छोटी थी तो मुझे पता था कि मै अमेरिकी नहीं हूं . मैं हमेशा भारत वापस आना चाहती थी, और अपने परिवार को ढूंढना चाहती थी. मैं 8 सितंबर से यहां हूं.'महोगनी (26) लखनऊ के लीलावती अनाथालय में रहती थीं.
यह पूछे जाने पर कि क्या वह अपने माता-पिता का पता लगाने को लेकर आश्वस्त हैं, तो महोगनी ने कहा, 'मैं यह नहीं कहूंगी कि मैं आश्वस्त हूं, लेकिन मुझे आशा है.'
जब उनसे पूछा गया कि प्रशासनिक अधिकारियों के साथ उनकी मुलाकात कैसी रही तो उन्होंने कहा कि उनके साथ मुलाकात अच्छी रही और वे उनकी तस्वीरें अखबारों में प्रकाशित करवायेंगे .उन्होंने कहा कि उनका वीजा 9 अक्टूबर को समाप्त हो जाएगा.