हाल ही में सोशल मीडिया पर एक हैरान कर देने वाला वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक कैनाल (Grand Canal Venice) के अंदर का पानी रहस्यमयी तरीके से फ्लोरोसेंट (Fluorescent colors) यानी हरा होता नजर आ रहा है. दरअसल, चौंका देने वाला यह वीडियो इटली के वेनिस शहर का है. जहां मशहूर ग्रैंड कनाल (Grand Canal) के पानी का रंग हैरतअंगेज तरीके से बदल गया. रविवार सुबह वेनिस के लोग इस अद्भुत नजारे को देखकर हैरत में पड़ गए.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, ये वहीं चर्चित ग्रांड कैनाल है, जहां बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन की फिल्म 'द ग्रेट गैंबलर' का मशहूर गाना 'दो लफ्जों की है दिल की कहानी' फिल्माया गया था. गाने में दिख रहा ये खूबसूरत नजारा वेनिस का ही है, जिसे लोग आज भी बार-बार देखना पसंद करते हैं.
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ग्रैंड कनाल के पानी का रंग अजीबोगरीब तरीके से हरा होने की सूचना रियाल्टो ब्रिज के पास रहने वाले लोगों ने पुलिस को दी. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वेनेटो के क्षेत्रीय अध्यक्ष (Veneto regional president) लुका जिया (Luca Zaia) ने अपने ट्विटर (Twitter) हैंडल से इस बात की जानकारी दी है कि, वेनिस की ग्रांड कैनाल (Grand Canal of Venice) का एक हिस्सा हरे रंग का दिखाई दे रहा है, जिसकी सूचना रियाल्टो ब्रिज (Rialto Bridge) के पास रहने वाले लोगों ने दी है, जिसे लेकर स्थानीय प्रशासन ने एक अहम बैठक रखी है. सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस फिलहाल इसकी जांच में जुटी हुई है.
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने पानी का सैंपल ले लिया है, जिसकी जांच की जा रही है. वहीं रियाल्टो ब्रिज के आसपास के पानी का अचानक बदलते रंग के पीछे कारण अब तक सामने नहीं आया है, जिसे लेकर लोग तरह-तरह के अनुमान लगा रहे हैं. सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद अब इसकी एक वजह पर्यावरणवादियों द्वारा विरोध के तौर पर डाय छोड़ना भी बताई जा रही है.हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब वेनिस की ग्रांड कैनाल का रंग बदला हो.
इतालवी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय पुलिस यह निर्धारित करने के लिए सीसीटीवी की जांच कर रही है कि, कहीं यह सप्ताह के अंत में होने वाले वोगालोंगा नौकादौड़ को प्रचारित करने का कोई तरीका तो नहीं. हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब वेनिस की ग्रांड कैनाल में पानी का रंग बदला हो. दरअसल, 1968 में भी वार्षिक वेनिस बिएनले (सांस्कृति कार्यक्रम) के दौरान अर्जेंटीना के कलाकार निकोलस गार्सिया उरिबुरू ने नहर के पानी को फ्लोरेसिन नामक एक फ्लोरोसेंट डाई से हरे रंग में बदल दिया था. इसके पीछे का मकसद प्रकृति और सभ्यता के संबध को दर्शाने के साथ-साथ पारिस्थितिक मुद्दों को उजागर करने के लिए किया गया था.
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