इस देश में मरना है 'गैरकानूनी', वजह जानकर रह जाएगे दंग, इंडियन सिनेमा में बन चुकी है फिल्म

चलिए जानते है दुनिया के मैप पर ऐसा कौन सा है देश जहां मौत का ऐसा अजीबोगरीब नियम है. दरअसल, स्पेन के ग्रेनाडा के एक छोटे से शहर लांजारोन में, तत्कालीन मेयर जोस रुबियो के 1999 के एक आदेश के अनुसार, मरना गैरकानूनी है.

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इस देश में मरना है गैरकानूनी, जानिए इसके पीछे की कहानी

मरना कोई नहीं चाहता, लेकिन मौत एक अटल सत्य है, अगर हम आपसे कहे कि इस देश के इस कस्बे में मरना गैरकानूनी है तो आप यकीन कर पाएंगे? चलो मान लेते हैं अगर मरना गैरकानूनी है तो फिर इस गुनाह की सजा किसे और कैसे मिलती है? यह भी एक बड़ा सवाल है. चलिए जानते है दुनिया के मैप पर ऐसा कौन सा है देश जहां मौत का ऐसा अजीबोगरीब नियम है. दरअसल, स्पेन (Spain) के ग्रेनाडा के एक छोटे से शहर लांजारोन में, तत्कालीन मेयर जोस रुबियो के 1999 के एक आदेश के अनुसार, मरना गैरकानूनी है. आइए जानते है आखिर क्या है इस कानून के पीछे की असल वजह.

आखिर क्यों है इस शहर में मरना 'गैरकानूनी' (It is Illegal To Die In This Spanish Town)
इसके पीछे का कारण जानकर आपको धक्का लग सकता है, क्योकि यह एक भीड़-भाड़ वाला इलाका है और यहां मरने के बाद लोगों को दफनाने के लिए कब्रिस्तान में पर्याप्त जगह नहीं है और इसलिए वाइस की रिपोर्ट के अनुसार, यह अजीबोगरीब नियम 1999 से लागू है, जब पूर्व मेयर जोस रुबियो ने घोषणा की थी कि नगरपालिका अधिकारी नए कब्रिस्तान के लिए जमीन तलाश रहे हों, तो निवासियों को प्राथमिकता देनी चाहिए. रुबियो ने कहा था, 'मैं तो बस एक मेयर हू मेरे ऊपर ईश्वर हैं, जो सब कुछ चलाते हैं, सभी ने इस आदेश को हास्य भाव से और इसका पालन करने की इच्छा के साथ स्वीकार किया'.

26 साल से लागू है नियम (It is Illegal To Die)
लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि कब्रिस्तान का मुद्दा कभी सुलझा या नहीं. छब्बीस साल बाद भी, लांजारोन में अब भी सिर्फ एक ही कब्रिस्तान है. लांजारोन की आबादी लगभग 4,000 है और यह एक सामान्य शहर है. यह अपने खनिज और खूबसूरत झरनों के लिए जाना जाता है, जो इसे एक पॉपुलर स्पॉट बनाते हैं. यह शहर अब टिक टॉक वाली जेनरेशन जी के बीच बहुत लोकप्रिय हो गया है, जो स्पेन के बार्सिलोना और मालोर्का जैसे भीड़भाड़ वाले पर्यटन स्थलों के विकल्प की तलाश में हैं.

इन देश में भी है ऐसा नियम (It is Illegal To Die Bizarre Rule)

ना सिर्फ, लांजारोन बल्कि नॉर्वे के लॉन्गइयरबेन में भी 1950 से इसी तरह का नियम लागू है. वैज्ञानिकों ने पाया है कि उप-आर्कटिक जलवायु में दफनाए गए शव सड़ते नहीं हैं और दफनाए गए शवों से 1917 के इन्फ्लूएंजा वायरस के जीवित नमूने भी मिले हैं. बीमारी फैलने की आशंका के चलते, कब्रिस्तान को मृत लोगों को दफनाने के लिए बंद कर दिया गया है. आपको बता दें, इसी कहानी पर आधारित साउथ सिनेमा मे एक सीरीज Uppu Kappurambu भी बनी थी, जिसमे कीर्ति सुरेश ने गांव के सरपंच का रोल किया था. 

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