टोक्यो ओलिंपिक 2020 (Tokyo Olympics 2020) में भारत के नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने जैवलिन थ्रो (Javelin Throw) में गोल्ड मेडल दिलाकर इतिहास रच दिया. पूरी दुनिया में अपनी कामयाबी के झंडे बुलंद करने वाले नीरज ने ये कारनामा 87.58 मीटर के थ्रो के साथ किया. उनकी कामयाबी से पूरे देश में खुशियों की लहर छा गई है. लेकिन ये इतना आसान नहीं था जर्मनी के योहानस वेट्टर (Johannes Vetter) नीरज चोपड़ा के कड़े प्रतिद्वंदी थे. दुर्भाग्यपूर्ण वो फाइनल के पहले राउंड से ही बाहर हो गए थे. पूरी दुनिया जानती थी कि वे ओलिंपिक में गोल्ड मेडल के तगड़े दावेदार थे, मगर किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया.
वर्तमान में योहानस वेट्टर भाला फेंक प्रतियोगिता में नंबर 1 स्थान पर हैं, वहीं दूसरे नंबर पर भारत के नीरज चोपड़ा हैं. ओलंपिक शुरु होने से पहले ही योहानस जीत के प्रबल दावेदार थे मगर योहानस वेट्टर क्वालिफिकेशन के पहले तीन थ्रो के बाद ही मेडल की रेस से बाहर गए. वहीं नीरज चोपड़ा पहले पायदान पर थे.
वहीं योहानस वेट्टर अपने खेल में बेहतरीन हैं. अगर उनके रिकॉर्ड देखें तो पिछले 24 महीने में वह दुनिया के एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने भाले को 90 मीटर से दूर फेंका है. उन्होंने ये कारनामा 1-2 बार नहीं बल्कि 18 बार किया है. ऐसे में योहानस इस जीत के सबसे प्रबल दावेदारों में से एक हैं. नीरज चोपड़ा अपने गेम पर ध्यान लगाए हुए थे.
जर्मनी के 28 वर्षीय खिलाड़ी योहानस से कहा था कि मैं ओलंपिक में 90 मीटर का लक्ष्य प्राप्त करने की कोशिश करूंगा.
नीरज और योहानस अच्छे मित्र हैं
मैदान में भले ही दोनों खिलाड़ी प्रतिद्वंदी हैं, मगर असली ज़िंदगी में दोनों दोस्त हैं. दोनों की मुलाक़ात 2018 में जर्मनी में एक ट्रैनिंग के दौरान हुई थी. दोनों एक ही कोच से ट्रैनिंग ले रहे थे. इसके अलावा दोनों खिलाड़ियों ने साथ में कार यात्रा भी की है. 2021 में दोनों खिलाड़ियों ने कार से हेलसिंकी से फिनलैंड तक की यात्रा की थी.
ख़ुश है योहानस
ओलंपिक में नीरज की जीत पर योहानस ने कहा- मैं नीरज की जीत पर बहुत ख़ुश हूं. वो एक प्रतिभावान खिलाड़ी हैं. उन्होंने एक ख़ास तरह का ब्लॉक डेवलप किया है, जो जैवलीन थ्रो में बेहद उपयोगी है. उनके ब्लॉक से और भी खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलेगी