न्यूयॉर्क (New York) में एक फंडरेजर ने एक भारतीय महिला (Indian woman) की मदद करने के लिए केवल तीन दिनों में अपने 1,30,000 डॉलर के लक्ष्य को पार कर लिया है. ये महिला अपने पति की मृत्यु के बाद भारी कर्ज में डूबी हुई थी और स्तन कैंसर से जूझ रही थी. महिला ने 'ह्यूमन्स ऑफ न्यूयॉर्क' के साथ एक साक्षात्कार में अपने पति के नुकसान से निपटने और बढ़ते बिलों और खराब स्वास्थ्य से जूझने के बारे में बताया. सरोज और गोयल की शादी को 40 साल से अधिक हो गए थे, लेकिन दो साल पहले गोयल की मृत्यु के बाद, न्यूयॉर्क में वे जो कपड़े की दुकान चलाते थे, वह भारी कर्ज में डूब गई थी.
सरोज कहती हैं कि गोयल की मृत्यु के बाद से उन्होंने शायद ही वो कभी अच्छे से तैयार हुईं हों. वह कहती हैं, "मैंने इस साक्षात्कार के लिए एक साड़ी, और लिपस्टिक लगाई. लेकिन यह लंबे समय में पहली बार है, क्योंकि अब कोई मुझे तैयार होने के लिए नहीं कहता है," " उसने ह्यूमन्स ऑफ न्यूयॉर्क के शख्स ब्रैंडन स्टैंटन को बताया, जिसने हाल ही में उनसे बात की थी.
सरोज को याद है कि उनके पति को उन्हें खास मौकों के लिए तैयार देखना कितना अच्छा लगता था. "वह हमेशा चाहता था कि मैं एक रानी की तरह कपड़े पहनूं. जब भी हम किसी पार्टी में जाते, तो वह कहते: 'अपनी सबसे अच्छी साड़ी पहनो या थोड़े और गहने' और मैं उससे कहती, 'ओह गोयल, कृपया चुप रहो."
सरोज और गोयल ने मिलकर 40 साल तक एक कपड़े की दुकान चलाई. वह कहती हैं, "और पूरे समय मैंनें उनका साथ दिया."
सरोज कहती हैं, "मैं हमेशा उनकी मदद करती रही हूं. मैं शर्मीली थी. गोयल ही वह थे जो ग्राहकों से संपर्क करते थे." सरोज अपने दिवंगत पति को एक ऐसे व्यक्ति के रूप में याद करती हैं, जो हमेशा मजाक करते रहते थे.
"एक सौ चुटकुले प्रति मिनट," सरोज ने ऐसे बताया, "लोग उन्हें पार्टियों में मंच पर खींचते थे, और कहते थे: 'कृपया गोयल, कॉमेडी करो' उन्होंने अस्पताल में नर्सों को भी हंसाया."
जिन महीनों में वह अस्पताल में बीमार थे, गोयल अभी भी चाहते थे कि उनकी पत्नी उनके लिए तैयार हो. सरोज कहती हैं, "वह सबसे लंबे समय तक लड़े," जो अपनी एक किडनी उन्हें दान करना चाहती थी, लेकिन मैच नहीं हुई.
"उन्होंने कहा: 'मैं मरना नहीं चाहता, सरोज, मैं नहीं चाहता.' लेकिन आखिरी दिन उसने कहा: 'कृष्ण मुझे लेने आ रहे हैं'," उन्हें याद है.
पति की मौत ने सरोज को न केवल भावनात्मक रूप से बल्कि आर्थिक रूप से भी नुकसान पहुंचाया. पैसों की कम जानकारी या व्यवसाय चलाने की पेचीदगियों के कारण, वह भारी कर्ज में डूब गई थीं.
सरोज कहती हैं, ''वह मुझे हंसाने के लिए कुछ भी करते थे, लेकिन उन्होंने मुझे कभी कुछ नहीं बताया.'' "अकाउंट्स के बारे में कुछ नहीं. या हम पर कितना कर बकाया है."
वो कहती हैं, ''मैं उसकी वजह से थोड़ी परेशान हूं. क्योंकि उसने मुझे इस हालत में छोड़ दिया.''
जब महामारी आई, तो सरोज को अपना स्टोर बंद करना पड़ा, जहां वो हाथ से बने भारतीय कपड़े बेचती हैं. वह कहती हैं, "और जब हमने फिर से अपने दरवाजे खोले, तो कोई नहीं था: कोई कार नहीं, कुछ भी नहीं. मुझे अब बहुत पैसा देना है," आज वह 24 महीने के किराया देने के बोझ से दबी हैं.
जबकि वह अपने पति को याद करती है - और घर पर उसे समर्पित एक वेदी है - सरोज भी उस पर नाराज होने से नहीं बच सकती. वह कहती हैं, "मैं वास्तव में गुस्से में हूं. काश उसने मुझे और बताया होता, क्योंकि उसके बिना मैं इससे निपट नहीं सकती."
उनके दो बच्चे दूर रहते हैं और सरोज अभी अकेले ब्रेस्ट कैंसर से जूझ रही हैं. फेसबुक पोस्ट के अंत में उसकी कहानी का दस्तावेजीकरण करते हुए एक नोट में, जिसे तीन दिन पहले पोस्ट किया गया था, स्टैंटन ने लिखा, "उसकी वर्तमान स्थिति के कारण, उसका मानसिक स्वास्थ्य उसके शारीरिक स्वास्थ्य जितना ही खराब है. तनाव बहुत अधिक है उसको."
कहानी के ऑनलाइन प्रकाशित होने के बाद से सरोज के लिए मदद की जा रही है. सरोज के लिए स्टैंटन के फंडरेजर ने दान के रूप में $4,92,000 से अधिक जुटाए हैं, जो इसके $1,30,000 डॉलर के लक्ष्य को पार कर गया है. स्टैंटन ने लिखा, "इस अनुदान संचय से $1,30,000 डॉलर न केवल सरोज के कर्ज को खत्म करेंगे, बल्कि कम आय वाले न्यू यॉर्कर्स के किराए पर भी सब्सिडी देंगे." अतिरिक्त धनराशि सीधे सरोज को जाएगी, जिनका वर्तमान में स्तन कैंसर का इलाज चल रहा है.
मिस्टर स्टैंटन ने दो दिन पहले सरोज की कहानी पर एक अपडेट शेयर किया. पोस्ट में, उन्होंने खुलासा किया कि सरोज के साथ सेल्फी लेने के लिए लोग उनके स्टोर में आ रहे हैं, क्योंकि उनकी कहानी ने सोशल मीडिया पर लोगों का ध्यान खींचा है. उन्होंने यह भी खुलासा किया कि कैसे सरोज ने धन उगाहने की सफलता का श्रेय देवी दुर्गा को दिया.
स्टैंटन ने लिखा, "हमारी पहली मुलाकात के बाद सरोज ... ने खुलासा किया कि उनकी खुद की अधिकांश प्रार्थनाएं 'ऊर्जा की देवी' दुर्गा मां को निर्देशित की गई थीं. अगले कुछ हफ़्तों में वह मेरे और सरोज के बीच की बात बन गई. हमने अपने टेक्स्ट थ्रेड्स में दुर्गा माँ के एनिमेशन चिपकाए. सरोज ने मेरी बेटी को दुर्गा माँ का जन्मदिन कार्ड भेजा.”
पोस्ट किए जाने के कुछ ही मिनटों के बाद जब फंडरेजर ने $25,000 की कमाई की, तो वृत्तचित्र फिल्म निर्देशक निकोलस हेलर ने सरोज की प्रतिक्रिया को फिल्माया. स्टैंटन ने लिखा, "मुझे नहीं पता था कि निको फिल्म कर रहा है. लेकिन जब उसने मुझे वीडियो भेजा तो मुझे हंसी आ गई. खासकर जब मैंने दुर्गा मां को सरोज के गले में जंजीर से लटकते देखा."