एक भारतीय एक एक्स यूजर ने भोजन से भरी प्लेट एक प्लेट शेयर की है, जिसके बाद उसकी आलोचना की जा रही है, यूजर ने इसे "प्रोटीन फुल डाइट" (Protein-full diet) बताया है, जबकि कई लोगों के अनुसार, इसमें कार्ब्स (कार्बोहाइड्रेट) की मात्रा ज्यादा थी और प्रोटीन की मात्रा कम थी, जैसा कि उसने दावा किया था.
शनिवार को, डॉ. शीतल यादव, जो कि उनके बायो के अनुसार, एक सहायक प्रोफेसर हैं, उन्होंने एक प्लेट की तस्वीर साझा की, जिसमें बड़ी मात्रा में स्प्राउट्स, एक छिला हुआ केला, सेब के दो टुकड़े, दो खजूर, अखरोट के दो टुकड़े और चार बादाम थे. यह पोस्ट तेजी से वायरल हो गई और भारत और विदेशों में पोषण और फिटनेस ऑनलाइन समुदाय का ध्यान आकर्षित किया.
डाइट डॉक्टर के संस्थापक और सीईओ स्वीडिश डॉक्टर एंड्रियास एनफेल्ट ने अपने पोषण ऐप पर गणना के अनुसार थाली में भोजन को कम मात्रा वाली प्रोटीन डाइट बताया.
उन्होंने कहा, "@JoinHava फोटो ट्रैकिंग के अनुसार, इसमें सिर्फ 13 ग्राम प्रोटीन और एक टन कार्ब्स और वसा है. यह बहुत कम प्रोटीन आहार (8% कैलोरी) है." एक अन्य डॉक्टर, अमेरिका स्थित केन डी बेरी ने पोस्ट को "गलत सूचना" करार दिया. फ्लोरिडा के एक्स यूजर थॉमस पेन बैंड ने कहा, "जो कुछ कम है वह प्रोटीन है."
पाठकों ने एक्स पर कम्युनिटी नोट्स फीचर का उपयोग करके पोस्ट में संदर्भ जोड़ा. नोट में कहा गया है, "इस प्लेट में लगभग 15.3 ग्राम प्रोटीन होगा (केला: 1.5 ग्राम, बादाम: 0.8 ग्राम, अखरोट: 0.8 ग्राम, 1/4 सेब) <0.1 ग्राम, मूंग अंकुरित (50 ग्राम): 12 ग्राम, खजूर: 0.5 ग्राम), जिसका मतलब है प्रोटीन से लगभग 15% कैलोरी, जिसे उच्च प्रोटीन नहीं माना जाता है."
एक्स पर डॉ शीतल यादव की वायरल पोस्ट को 3 अगस्त से अबतक चार मिलियन से अधिक बार देखा गया और 11 हजार से ज्यादा लाइक्स मिले हैं. पोषण और फिटनेस ट्रेनर डॉ. नेहा चावला ने बताया कि हालांकि डॉ. यादव की थाली में अंकुरित फल और मेवे प्रोटीन से भरपूर नहीं हो सकते हैं, लेकिन यह "इनमें पोषक तत्वों की कमी नहीं है". उन्होंने कहा, "यह विविध आहार का एक मूल्यवान घटक हो सकता है जो संपूर्ण अमीनो एसिड प्रोफाइल सुनिश्चित करता है." ...यह भोजन विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व प्रदान करता है और समग्र स्वास्थ्य में योगदान दे सकता है. यह निश्चित रूप से छोले भटूरे की तुलना में अधिक पौष्टिक है."
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